चीन की हरकतें
बीते साल के अंतिम सप्ताह के शुक्रवार को चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ भागों के नाम बदलकर एक बार फिर भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ देने जैसी हरकतें शुरू कर दी हैं।
बीते साल के अंतिम सप्ताह के शुक्रवार को चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ भागों के नाम बदलकर एक बार फिर भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ देने जैसी हरकतें शुरू कर दी हैं। इस बार अरुणाचल प्रदेश में स्थित पन्द्रह और स्थानों के नाम चीनी और तिब्बती भाषा में रख दिया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन जिन पन्द्रह ठिकानों का चीनी भाषा में नामकरण किया है, उन्हें वैधता प्रदान करने के लिए अपने सरकारी दस्तावेजों में उनकी सटीक भौगोलिक स्थिति भी दर्ज कर दी है। जिन पन्द्रह स्थानों के नामों को बदला गया उनमें आठ रिहायशी इलाके चार पहाड़, दो नदियां और पहाड़ी दर्रा शामिल है। चीन ने ऐसी हरकत कोई पहली बार नहीं की है, बल्कि इससे पहले 2017 में भी चीन ने छह स्थानों के नाम बदल डाले थे। चीन का मानना है कि जिन इलाकों के नाम बदले गए हैं, वे दक्षिणी तिब्बत में आते हैं और अरुणाचल भी दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के नाम बदलने मात्र से भारत का हिस्सा चीन का नहीं हो जाता। यह एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक दबाव की हरकत ही प्रतीत है। उसे लग रहा है कि अरुणाचल प्रदेश पर उसका दावा मजबूत हो जाएगा और भारत दबाव में आएगा। चीन की इस हरकत पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा। ऐसे में अगर चीन किसी इलाके का नाम बदलकर उस पर अपना दावा जताता है तो यह भारत अरूणाचल प्रदेश पर चीन के जबरन दावे को हमेशा खारिज करता आया है। अरूणाचल प्रदेश को लेकर भारत का रुख एकदम स्पष्ट है कि यह इलाका भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसमें किसी प्रकार की दखल का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा। दरअसल पिछले कुछ दिनों से चीन ने सीमाई इलाकों, विशेषकर अरूणाचल प्रदेश के आसपास अपनी गतिविधियां बढ़ा रखी हैं और तनाव के हालात पैदा करने में जुटा है। तिब्बत के इलाके में नया गांव बसा लिया है, रेल नेटवर्क भी खड़ा कर लिया है। चीन का रवैया ठीक नहीं है और उसके इरादे भी टकराव को जन्म देने वाले हैं। अभी पूर्वी लद्दाख का विवाद सुलझा भी नहीं है कि चीन अरूणाचल में नया मोर्चा खोलने में जुटा है। भारत ने भी सीमाई इलाकों में मोर्चाबंदी शुरू कर दी है।
Comment List