रिकॉर्ड टीकाकरण
देश में सोमवार को 15 से 18 साल तक के किशोरों का पहले ही हुआ रिकॉर्ड टीकाकरण उत्साह जगाने वाला है।
देश में सोमवार को 15 से 18 साल तक के किशोरों का पहले ही हुआ रिकॉर्ड टीकाकरण उत्साह जगाने वाला है। एक ही दिन में 41 लाख टीके लगना इसलिए काफी अहम हैं, क्योंकि देश में इस आयु वर्ग के सिर्फ 7.4 करोड़ किशोर हैं। अगर रोज 40 लाख टीके लगाने का क्रम जारी रहता है तो सिर्फ 18 से 20 दिन में इस आयु वर्ग के सभी किशोरों को टीके की पहली डोज लग सकती है। और यह इसलिए भी जरूरी है कि कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन से सबसे ज्यादा इसी आयु वर्ग के किशोर संक्रमित हो रहे हैं। किशोरों को टीके लगने शुरूआत से अब अभिभावक भी काफी संतुष्ट हैं। किशोरों का टीका जब उपलब्ध नहीं था, तब स्कूल-कॉलेज खोलने में रुकावटें पैदा हो रही थीं। अभिभावक भी इस बात से सशंकित थे कि बच्चों को स्कूल भेजें, तो संक्रमण का खतरा बना रहेगा। ऐसा कई राज्यों में पिछले दिनों देखने को भी मिला। जब स्कूल-कॉलेज खोले गए तो वहां गए बच्चे बड़ी संख्या में संक्रमित होने लगे। फिर स्कूल बंद करने पड़े और अब ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर भी कई राज्यों में स्कूल बंद किए जाने लगे हैं। किशोरों के टीकाकरण अभियान दूसरे दिन मंगलवार को भी उत्साह भरा रहा। हर आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान को अब और तेज गति से चलाने का समय आ गया है। ओमिक्रॉन तीसरी लहर के रूप में आ गया है और देश के कई राज्यों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। फिलहाल, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां कोरोना तेजी से फैल रहा है। संक्रमण के बढ़ते मामलों से तो ऐसा लगने लगा है कि एक बार फिर कई तरह की पाबंदियां लगाने की जरूरत पड़ सकती है। कुछ राज्यों में तो इसकी शुरूआत भी होने लगी है। अब किशोरों से लेकर हर वर्ग के लोगों के टीकाकरण को बढ़ाकर ही ओमिक्रॉन से जंग लड़ी जा सकती है और लोगों को भी अपने बचाव के लिए पूरी सावधानियां बरतनी होंगी। भारी संख्या में लोगों के संक्रमित होने की खबरें आने लगी हैं और इसे ही तीसरी लहर भी माना जा रहा है। टीका लगवाने के लिए किशोरों का उत्साह एक अच्छा संकेत है और उम्मीद है कि टीकों की उपलब्धता बनी रहेगी।
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