सुरक्षा में बड़ी चूक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को पंजाब दौरे पर निकले थे, लेकिन हुसैनीवाला के निकट जिस ढंग से प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला रोका, वह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक ही नहीं, बल्कि अक्षम्य चूक का मामला बन जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को पंजाब दौरे पर निकले थे, लेकिन हुसैनीवाला के निकट जिस ढंग से प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला रोका, वह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक ही नहीं, बल्कि अक्षम्य चूक का मामला बन जाता है। फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री का काफिला बीस मिनट तक रूका रहा, आखिर उन्हें वापस लौटना पड़ा और फिरोजपुर में उनका तय कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री का काफिला रोकने में प्रदर्शनकारी सफल हो गए, तो जाहिर है कि पंजाब पुलिस ने घोर लापरवाही बरती। इस बारे में अब गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख से रिपोर्ट तलब की है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसी अक्षम्य चूक का पहला मामला है। फिरोजपुर पंजाब का वह हिस्सा है, जो पाकिस्तान की सीमा से काफी निकट है और यह एक संवेदनशील इलाका है। यह घटना सुरक्षा में चूक तो है ही साथ ही राजनीति के दिन प्रतिदिन गिरते स्तर का भी संकेत देती है। राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन किसी देश के प्रधानमंत्री को बीच रास्ते रोक देने पर मजबूर करना लोकतंत्र में असहनीय है। इस घटना के हर पहलू पर गौर करें, तो जाहिर होता है कि कांग्र्रेस पार्टी व पंजाब सरकार ने राजनीतिक कारणों से ही प्रधानमंत्री के काफिले को रोका। और अब भाजपा व कांग्र्रेस में इस मामले को लेकर सियासत शुरू हो गई है। कांग्र्रेस के नेताओं व राज्य के मुख्यमंत्री की अपनी सफाई संबंधी प्रतिक्रियाएं स्तर हीन व हल्की हैं। अब असली मुद्दा प्रधानमंत्री की सुरक्षा का है और इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर सुरक्षा में चूक के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। पंजाब प्रशासन के साथ-साथ प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली एजेंसियों से भी अपने स्तर पर चूक हुई है। आखिर कोई भी वजह रही हो, मगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।
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