इसी माह पीक संभव, 15 फरवरी तक राहत की उम्मीद, प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर : 26 से 28 दिन में पीक आने और 52 दिन लहर रहने की आशंका

इसी माह पीक संभव, 15 फरवरी तक राहत की उम्मीद, प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर : 26 से 28 दिन में पीक आने और 52 दिन लहर रहने की आशंका

जयपुर में पहले आई तीसरी लहर, सबसे पहले हो सकती है खत्म

जयपुर। राजस्थान में सामान्य कोविड से 12 से 13 गुना और जानलेवा डेल्टा वैरिएंट से 6 गुना संक्रमण दर वाले ओमिक्रॉन से प्रदेश तीसरी लहर में सात जनवरी से चपेट में है। इस दिन प्रदेश की संक्रमण दर लहर माने जाने वाले पांच फीसदी संक्रमण दर की लक्ष्मण रेखा से ज्यादा 5.72 फीसदी थी। पहली और दूसरी लहर के दिन और पीक समयावधि, वायरस की संक्रमण दर, लॉकडाउन में ज्यादा रियायतें, आमजन के आपसी मेलजोल पिछली लहरों के मुताबिक ज्यादा होने के कारण इस बार लहर की समयावधि जल्द समाप्त होने और पीक एक माह से कम समयावधि में आने की उम्मीद है। उम्मीद है कि 25 से 27 जनवरी तक तीसरी लहर का पीक आ जाएगा। वहीं 15 फरवरी तक ओमिक्रॉन संक्रमण से आमजन को राहत मिल सकती है। वही जयपुर में गत तीन जनवरी को ही तीसरी लहर की एंट्री हो गई थी। ऐसे में जयपुर में सबसे पहले तीसरी लहर आई है और  पीक व राहत भी यहां सबसे पहले मिलने की उम्मीद है। कोरोना का पहला केस प्रदेश में गत 2 मार्च 2020 को आया था। इसके बाद प्रदेश में जून तक कोरोना के केस धीरे-धीरे बढ़ने लगे। केसों की रफ्तार जुलाई 2020 से 144 दिन बाद 24 नवम्बर तक तेजी से बढ़ती रही। 24 नवंबर को 3314 केस एक दिन में आए थे। इसके बाद संक्रमण कम होने लगा और राहत कुल 184 दिन बाद यानी 31 दिसंबर के आसपास मिली। दूसरी लहर में केसों के बढ़ने का सिलसिला मार्च 2021 से शुरू हुआ। 64 दिन बाद यानी कुल दूसरी लहर के करीब आधे दिन बाद 2 मई को 18298 केस के साथ संक्रमण पीक पर था। फिर केस कम होते गए और राहत 122 दिन बाद यानी 30 जून को मिली। चूंकि सामान्य कोविड वायरस से डेल्टा की संक्रमण दर छह गुना ज्यादा है। तब दूसरी लहर में संक्रमण से राहत में 62 दिन कम रहे। इस हिसाब से राहत 52 दिन में मिलने की उम्मीद है। तीसरी लहर में केस बढ़ने की रफ्तार 30 दिसंबर से शुरू हुई थी। ऐसे में उम्मीद है कि 15 फरवरी के आसपास ओमिक्रॉन संक्रमण से बड़ी राहत मिल जाए। वहीं पीक दूसरी लहर के मुताबिक करीब आधे यानी 26-28 दिन में यानी 25-27 जनवरी के आसपास आ सकता है। कोरोना के इलाज, स्टडी और वायरस की फितरत के अनुसार विषय विशेषज्ञ भी इसी समयावधि का आंकलन कर रहे हैं।

(पहली लहर में दहशत ज्यादा रही, 144 दिन में पीक, 184 दिन में 3,08,243 शिकार हुए, 2696 ने दम तोड़ा)

प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज 2 मार्च, 2020 में आया था, लेकिन लहर जैसे हालात जुलाई 2020 से बने। तब जुलाई में पहली बार सर्वाधिक 24062 नए संक्रमित आए। 31 दिसम्बर, 2020  तक संक्रमण लगातार बढ़ा। लहर का पीक 24 नवंबर, 2020 को था।  तब एक दिन में सर्वाधिक 3314 लोग संक्रमित आए थे। नवंबर में तब कुल 71,070 केस आए थे। 2021 में संक्रमण कम होना शुरू हुआ था। अगर जुलाई 2020 से दिसंबर 2020 तक लहर की समयावधि माने तो उस दौरान प्रदेश में 2 लाख 90 हजार 344 लोग संक्रमित हुए थे और 2241 लोगों की जान गई थी। इसके बाद मरीज कम हो गए। फरवरी 2021 में तब रोजाना 10 से 15 केस ही आ रहे थे। मार्च 2020 से दिसंबर 2020 तक प्रदेश में 3 लाख 8 हजार 243 लोग संक्रमित और 2696 लोगों की जान गई थीं।


(दूसरी लहर में मौतों से कांप उठा था प्रदेश, 64 दिन में पीक , 122 दिन में 6,32,639 शिकार हुए, 6152 ने दम तोड़ा)


प्रदेश में मार्च 2021 से फिर मरीज बढ़ना शुरू हो गए थे। इस माह 13366 नए रोगी आए। हालांकि मौतें केवल 31 ही हुई, लेकिन कोरोना का जानलेवा डेल्टा वेरिएंट फैला। अप्रैल में ही 2 लाख 64 हजार 852 केस पहली बार इस लहर में आए और मौतें भी पहली लहर के छह माह से ज्यादा एक माह में ही 2588 हो गई। मई में कोरोनाकाल का सबसे भयावह काल रहा। हालांकि दूसरी लहर का पीक 64 दिन बाद 2 मई, 2021 को आया। इस दिन 18298 केस आए थे। वहीं प्रदेश में 3 लाख 41 हजार 957 लोग संक्रमित हुए और 4154 जिंदगियों ने दम तोड़ दिया। जून के अंत में लहर का खात्मा हुआ। दूसरी लहर में प्रदेश में कुल 6 लाख 32 हजार 639 लोग संक्रमित हुए और 6152 लोगों की जाने गई।

तीसरी लहर : अब तक 26505 केस आए, मौतों से राहत रहेगी, पीक पर 35,000 केस आने की आशंका

प्रदेश में 30 दिसम्बर, 2021 से केस बढ़ना शुरू हुए हैं। सात जनवरी से लहर मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन संक्रमण दर 5 फीसदी से ज्यादा शुरू हो गई थी। 12 दिन की अवधि में  225 से केस 6095 यानी 3691 फीसदी केस बढ़े हैं। लहर के बाद करीब 9-10 फीसदी की रफ्तार से रोजाना केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में विषय विशेषज्ञों के अनुसार करीब 35 हजार के करीब मरीज पीक पर एक दिन में आ सकते हैं। वहीं तीसरी लहर की समाप्ति तक करीब 8-9 लाख के करीब लोगों के जांच में संक्रमित होने की आशंका है। हालांकि दूसरी लहर के मुकाबले राहत यह है कि बारह दिन में अभी 11 ही मौतें हुई है। ऐसे में मौतों का कोहराम इस बार काफी कम होने की संभावना के चलते बड़ी राहत की बात रहेगी।

सारी चीजों का आंकलन करें तो करीब 3 से 4 हफ्ते यानी 25 जनवरी के आसपास पीक आने की उम्मीद है। फरवरी के मध्य में संक्रमण से बड़ी राहत मिलने की पूरी संभावना है। -डॉ. वीरेन्द्र सिंह, सीनियर विशेषज्ञ

वायरस की फितरत के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन संक्रमण की रफ्तार से लगता है कि इस माह के अंत में पीक आएगा। राहत 15-20 फरवरी के करीब मिल सकती है। -डॉ. सीएल नवल, सीनियर प्रोफेसर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज

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