राज्यपाल से मिले जलदाय मंत्री, जेजेएम में केंद्र से हिस्सा राशि बढ़वाने का किया आग्रह, केन्द्र के नाम मांग पत्र सौंपा

राज्यपाल से मिले जलदाय मंत्री, जेजेएम में केंद्र से हिस्सा राशि बढ़वाने का किया आग्रह, केन्द्र के नाम मांग पत्र सौंपा

गत दिनों राज्यपालों के सम्मेलन में राज्यपाल मिश्र ने प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर यह मुद्दा महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष भी उठाया था।

जयपुर। जल जीवन मिशन परियोजना के तहत प्रदेश के हर गांव,हर ढाणी तक हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार से प्रदेश को मिलने वाली फंडिंग को 90 प्रतिशत करवाने की मांग को लेकर बुधवार को जलदाय मंत्री महेश जोशी ने  राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से भेंट की और केन्द्र के नाम मांग पत्र सौंपा। गत दिनों राज्यपालों के सम्मेलन में  राज्यपाल मिश्र ने प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर यह मुद्दा महामहिम राष्ट्रपति के समक्ष भी उठाया था। प्रदेश के इस ज्वलंत मुद्दे को महामहिम राष्ट्रपति तक पहुंचाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र का आभार भी व्यक्त किया। जोशी ने कहा कि राज्यपाल के साथ मुलाकात सौहार्द्रपूर्ण रही।

ज्ञापन में क्या खास---

जोशी की ओर से राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की सहभागिता पर आधारित जल जीवन मिशन के अंतर्गत जलदाय विभाग द्वारा प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी परिवारों को वर्ष 2024 तक "हर घर नल कनेक्शन" के माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लक्ष्य प्राप्ति हेतु युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के कुल 43200 गांवो में लगभग 89 लाख परिवारों को नल कनेक्शन दिये जाने हैं। अगस्त 2019 से जल जीवन गिशन प्रारम्भ होने से आज दिनांक तक 32709 गांवों के लिए 80 लाख से अधिक हर घर नल कनेक्शन जारी किये जाने हेतु स्वीकृतियाँ उपलब्ध है जिन पर रूपये 53979 करोड़ की लागत आयेगी। मिशन के तहत अब तक 10 लाख से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन की सुविधा प्रदान की जा चुकी हैं।

राजस्थान देश का सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला प्रदेश है एवं इसका 60 प्रतिशत भूभाग रेगिस्तानी है। प्रदेश की अधिकांश आवादी दूर-दूर छितराये गांव व ढाणियों में बसी हुई हैं। राजस्थान देश का न्यूनतम वर्षा वाला प्रदेश है, विशेष कर पश्चिम राजस्थान का औसत वर्षा स्तर तो अत्यधिक कम हैं। फलस्वरूप प्रदेश में सतही जल का अभाव है एवं भू-जल की कमी के साथ अधिकांश भाग में गुणवता युक्त पेयजल उपलब्ध नहीं हैं। अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में पेयजल योजनाओं की लागत बहुत अधिक आती है, फलस्वरूप जल जीवन मिशन के अंतर्गत लक्ष्य प्राप्ति में राज्य सरकार को अत्यधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैं। उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तर पूर्वी राज्यों, केन्द्रशासित प्रदेशों सहित अनेक सुवो को 90: 10 अनुपात या इससे भी अधिक राशि प्रदान की जा रही हैं।

आप जानते है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति एक कठिन दौर से गुजर रही हैं। इस परिस्थिति के मद्देनजर केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं को पूरा करने के लिये भी राज्य सरकार को काफी तकलीफे आ रही हैं। संभवतया इन परिस्थितियों को देखते हुए आपने स्वयं भी दिल्ली में हुए राज्यपाल सम्मेलन में देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय के समक्ष जल जीवन मिशन के लिये राजस्थान को 90:10 के अनुपात में फंड देने की बात उठाई थी। इसके लिये राज्य की समस्त जनता आपके प्रति बहुत सकारात्मक एवं आभार का भाव रखती हैं। इस दिशा में अभी तक भारत सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया है अतएव आपसे अनुरोध है कि अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए भारत सरकार से आग्रह करें कि वह राजस्थान को जल जीवन मिशन के लिये 90:10 के अनुपात में फंडिंग प्रदान करें ताकि हम राज्य की जनता विशेषकर ग्रामीण जनता को सुगगता से घर-घर पेयजल उपलब्ध करा सकें।

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