राजस्थान में फिल्म ‘पृथ्वीराज’ की रिलीजिंग पर असमंजस! : राजपूत बनाम गुर्जर जाति द्वंद्व फिल्म के टाइटल में बदलाव के साथ उन्हें अपनी जाति का दिखाने की मांग

राजस्थान में फिल्म ‘पृथ्वीराज’ की रिलीजिंग पर असमंजस! : राजपूत बनाम गुर्जर जाति द्वंद्व फिल्म के टाइटल में बदलाव के साथ उन्हें अपनी जाति का दिखाने की मांग

करणी सेना रुकवा चुकी है राजस्थान में फिल्म की शूटिंग

जयपुर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर बनी फिल्म ‘पृथ्वीराज’ के नाम के साथ अब उनकी जाति को लेकर राजस्थान के दो महत्वपूर्ण समाज आमने-सामने आ गए हैं। राजपूत समाज जहां पृथ्वीराज चौहान को अपनी जाति का बता रहा है। वहीं अब गुर्जर समाज ने भी पृथ्वीराज को सम्राट गुर्जर बताते हुए फिल्म में भी इस बात को दिखाने की मांग कर दी है। इससे पहले मिहिरभोज और सुहेलदेव की जाति को लेकर भी दो जातियों के बीच विवाद चल रहा है। यश चोपड़ा के बैनर पर बनी रही फिल्म के निर्देशक चन्द्रप्रकाश द्विवेदी है।

पृथ्वीराज राजपूत समाज की अस्मिता के प्रतीक

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना कहते है कि पृथ्वीराज फिल्म के टाइटल को लेकर हमारा विरोध है। वहीं अब गुर्जर समाज उन्हें अपनी जाति का बता रहा है, जबकि सम्राट पृथ्वीराज चौहान राष्ट्र गौरव है। वह राजपूत समाज की अस्मिता के प्रतीक है। मैं खुद पृथ्वीराज चौहान के वंशज परिवार से ताल्लुक रखता हूं। गुर्जर समाज फिल्म से पहले ही इस तरह के दावे कर रहा है इससे पहले ये समाज के लोग कहां पर थे।


पृथ्वीराज को राजपूत दिखाया तो होगा विरोध
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह गुर्जर कहते है कि अगर पृथ्वीराज चौहान के लिए राजपूत शब्द बोला गया तो फिल्म का जबरदस्त विरोध किया जाएगा। कर्नल टोड ने गलत इतिहास लिखा है। इतिहास में वर्णन है कि उनके पिता गुर्जर थे। पृथ्वीराज चौहान रासो महाकाव्य 16वीं शताब्दी में लिखा गया था, जो पूरी तरह मिथ्यापूर्ण है। यह महाकाव्य चंदरबरदाई ने प्रिंगल भाषा में लिखा था, जो बाजरा और राजस्थानी भाषाओं का मिश्रण है। गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शासन काल में संस्कृत बोली जाती थी ना कि प्रिंगल भाषा का, जिसका कवि ने प्रयोग किया है। हिम्मत कहते है कि ऐतिहासिक सबूतों के मुताबिक 13वीं शताब्दी से पहले राजपूत कभी अस्तित्व में नहीं थे। वे कहते है कि पृथ्वीराज चौहान के पिता सोमेश्वर गुर्जर जाति से है। इसलिए उनका बेटा खुद गुर्जर होना चाहिए।


गुर्जर प्रतिहार के लिए होता है इस्तेमाल
इतिहासकार आरएस खंगारोत कहते है कि जिस गुर्जर शब्द की बात आज की जा रही है, वह गुर्जर प्रतिहार के लिए इस्तेमाल होता है। चौहान और चहमान से इसे कन्फयूज नहीं करना चाहिए। गुर्जर प्रतिहार की उत्पत्ति 8वीं शताब्दी में मानी जाती है। ये खुद को भगवान राम के भाई लक्ष्मण का वंशज कहते हैं। इसलिए वे अपने आप को सूर्यवंशी बताते हैं। कुछ इतिहासकार इन्हें विदेशी मानते हैं कि ये हूणों के साथ भारत आए और गुर्जर थे, लेकिन भारतीय इतिहासकार ऐसा नहीं मानते हैं।


फिल्म के लिए है बड़ी मुश्किलें
पृथ्वीराज फिल्म की शूटिंग के दौरान ही करणी सेना ने फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोप लगाते हुए इसकी शूटिंग रूकवा दी थी। इसके बाद पूरी शूटिंग बाहर की गई। अब दोनों ही जातियों में पृथ्वीराज की जाति को लेकर विवाद है। राजपूत समाज को फिल्म के नाम पर भी आपत्ति है। वे इसका नाम बदलकर सम्राट पृथ्वीराज चौहान करने की मांग कर चुके हैं।

Read More 46 साल की हुईं रानी मुखर्जी, 1999 से 2002 के बीच कई फिल्में हुईं थी फ्लॉप, सात बार जीत चुकी हैं फिल्म फेयर पुरस्कार

Post Comment

Comment List

Latest News

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की अधिसूचना जारी, 88 सीटों पर होगा चुनाव लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की अधिसूचना जारी, 88 सीटों पर होगा चुनाव
इस चरण में 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की 88 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होगा।
कैलाश चौधरी की नामांकन सभा में उमड़ी भीड़, वरिष्ठ नेताओं ने किया जनसभा को संबोधित
झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर बड़ी जीत दर्ज करेगा NDA: सुदेश महतो
मेक्सिको के 19 प्रांतों में फैली जंगलों में लगी आग, 42 स्थानों पर काबू 
लोकसभा आम चुनाव में प्रथम चरण के लिए 124 प्रत्याशियों के 166 नामांकन पाए गए सही
Delhi Liqour Policy : केजरीवाल को राहत नहीं, ईडी की हिरासत 1 अप्रैल तक बढ़ी
भाजपा पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतकर फहरायेगी परचम : दीयाकुमारी