चीन की हरकतें

चीन की हरकतें

चीन एक सोची समझी रणनीति के तहत बार-बार कुछ ऐसी हरकतों को अंजाम दे रहा है, जिससे भारत उकसावे में आकर कोई कदम उठाए और फिर उसे भारत के खिलाफ एक और मोर्चा खोलने का मौका मिले।

चीन एक सोची समझी रणनीति के तहत बार-बार कुछ ऐसी हरकतों को अंजाम दे रहा है, जिससे भारत उकसावे में आकर कोई कदम उठाए और फिर उसे भारत के खिलाफ एक और मोर्चा खोलने का मौका मिले। इससे पहले वह पूर्वी लद्दाख में मोर्चा खोलने में कामयाब हो चुका है और दोनों देशों के बीच आज तक गतिरोध बना हुआ है। गतिरोध का हल निकालने के लिए हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई 14वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता में भी कोई हल नहीं निकला है। इस बैठक के तुरंत बाद चीन ने अरूणाचल प्रदेश से एक लड़के का अपहरण कर अब नया विवाद खड़ाकर दिया है। यह घटना मंगलवार की है, जिसकी जानकारी अरूणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाव ने बुधवार को दी। सोशल मीडिया पर सांसद गाव ने दावा किया है कि चीनी सैनिक 18 जनवरी को सियांग जिले में भारतीय क्षेत्र में घुस आए थे और लुंगताजोर इलाके से 17 साल के एक लड़के मिराम तैरोन को उठाकर ले गए। भारतीय सेना ने चीनी सेना से प्रोटोकॉल के तहत अपहृत बालक को वापस करने की मांग की है। चीनी सेना को बताया गया कि यह लड़का जड़ी-बूटी इकट्ठा करने जंगल की ओर निकल गया था और  भटक गया। भारत ने लड़के की तलाश में सहयोग मांगा है। भारतीय सेना ने चीन पर अपहरण का कोई आरोप नहीं लगाया है। चीन की यह कोई पहली हरकत नहीं है, बल्कि इससे पहले भी उसने कई बार भारतीयों को अपहृत किया है और फिर लौटाया है। मिराम तैरान को अपहृत करने की घटना से जाहिर होता है कि भारतीय क्षेत्र में चीनी सेना घुसपैठ करती रहती है। दरअसल मिराम अपने एक दोस्त के साथ त्सांगपो नदी इलाके में अपने दोस्त के साथ शिकार करने गया था अपने भारतीय क्षेत्र में ही था। उसका दोस्त चीनी सेना के हाथ से भाग निकला, लेकिन मिराम सैनिकों की पकड़ में आ गया था। मिराम के दोस्त ने ही बताया कि चीन के सैनिक ही मिराम को पकड़ कर ले गए। अब बड़ा सवाल यह है कि सीमा पर भारतीय सेना की कड़ी चौकसी के बाद भी चीनी सैनिक भारतीय सीमा में कैसे घुस आए और बार-बार कैसे घुसपैठ में कामयाब हो जाते हैं। यह लड़का तो चीन की सीमा में घुसा नहीं था फिर इसके अपहरण की क्या वजह हो सकती है? जाहिर तौर पर उकसावे के लिए भारत को प्रेरित करना। पिछले साल अक्टूबर में भी दो सौ चीनी सैनिक अरूणाचल प्रदेश की सीमा में घुस आए थे और टकराव की स्थिति बनी थी। दरअसल, पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी विवाद के बाद से सीमाई इलाके में चीनी सैनिकों ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं और वे नए विवाद व टकराव को जन्म देना चाहते हैं ताकि भारत पर दबाव की स्थिति बनी रहे। आखिर यह कब तक चलता रहेगा, इस पर भारत की सरकार को ही सोचना है?

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