यूक्रेन पर तनातनी

यूक्रेन पर तनातनी

इस समय यूक्रेन पर सारी दुनिया की नजरें लगी हुई हैं। अमेरिका और रूस एक-दूसरे को युद्ध की धमकी दे रहे हैं।

इस समय यूक्रेन पर सारी दुनिया की नजरें लगी हुई हैं। अमेरिका और रूस एक-दूसरे को युद्ध की धमकी दे रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और विदेश मंत्री खुलेआम रूस को धमकी दे रहे हैं कि यदि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो उसके नतीजे बुरे होंगे। वर्तमान में हालात ऐसे बने हुए जैसे युद्ध कभी भी छिड़ सकता है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर लगभग एक लाख सैनिकोंको तैनात कर रखा है। अमेरिका व रूस के बीच चल रही तनातनी की वजह से सारी दुनिया चिंतित है और इसमें भारत भी शामिल है। इस समय भारत तो अमेरिका के चीन विरोधी मोर्चे का सदस्य है और साथ ही वह रूस का भी पुराना मित्र है। अमेरिका-रूस के बीच जब भी कोई विवाद गहराता है, तो भारत की दुविधा बढ़ जाती है। यूक्रेन संकट पर उसे फूंक-फूंक कर कदम रखना होगा। यदि यूक्रेन को लेकर युद्ध छिड़ता है तो इस बार वहां प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध से भी ज्यादा लोग मारे जा सकते हैं। युद्ध की धमकियों और तैयारियों के बीच अमेरिका ने यूक्रेन से अपने राजनयिकों और उनके परिवारों को स्वदेश बुला लिया है। इसके साथ ही अमेरिकी नागरिकों को यूक्रेन नहीं जाने की सलाह दी है। ब्रिटेन ने भी अपने दूतावास के कुछ कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच जैसी तनातनी मची है, उसे कोई अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता। दोनों ही महाशक्तियां कहलाती हैं और दोनों ही परिपक्व देश हैं। दोनों को और दुनिया के अन्य बड़े नेताओं को अच्छी तरह पता है कि वर्तमान हालात युद्ध के अनुकूल नहीं हैं। हालात की गंभीरता को समझते हुए दुनिया के तमाम नेता युद्ध के खतरे को टालने में जुटे हैं। वार्ताओं के दौर चल रहे हैं, पर शांति के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अमेरिका अब यूक्रेन को जंग का नया अखाड़ा बनाने की दिशा में बढ़ चुका है। अमेरिका-रूस के बीच यूक्रेन को लेकर तनातनी कोई नई नहीं है। सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन भी और देशों की तरह अलग देश बन गया था, लेकिन रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन अलग देश बना रहे। यूक्रेन अमेरिका के मित्र समूह में शामिल होकर नाटो में शामिल होने के लिए प्रयासरत है। रूस ऐसा कतई नहीं चाहता। ऐसा होता है तो पश्चिमी ताकतें खासतौर से अमेरिका का दबदबा बढ़ना। इससे रूस की सुरक्षा को खतरा बढ़ सकता है। महाशक्तियां छोटे और कमजोर देशों को निशाना बनाकर अपने सामरिक हितों को साधने पर तुली हैं। यूक्रेन भी एक ऐसा मामला है और इसे लेकर युद्ध छिड़ता है तो यह पूरी मानव जाति के लिए बड़ा खतरा है।

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