42 साल से अब तक लंबित 5802 मामलों में तो केस नंबर तक नहीं

42 साल से अब तक लंबित 5802 मामलों में तो केस नंबर तक नहीं

राज्य सरकार के विभिन्न महकमों के 20,636 मामले ऐसे हैं जो संबंधित अदालत के बजाय किसी अन्य में दर्ज हैं, जबकि 5802 मामले ऐसे हैं जिनके केस नंबर ही सही नहीं हैं। इसके लिए न्याय विभाग राज्य सरकार के विविध विभागों को 1979 से गलतियां दुरुस्त करने के लिए आग्रह कर रहा है, लेकिन मामला वहीं का वहीं है। ऐसे में 42 साल तक के पुराने कई मामलों में ढंग से पैरवी तक नहीं हो सकी। इसकी विभागवार सूची भी जारी की गई, लेकिन फिर भी जानकारी दुरुस्त नहीं हुई।

 जयपुर। न्याय विभाग ने लाइट्स सॉफ्टवेयर में दर्ज न्यायिक प्रकरणों के संबंध में कई बार विभागों के एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिव को पत्र लिखे हैं, लेकिन उसके बाद भी दर्ज न्यायिक प्रकरणों में केस नंबर तक अपडेट नहीं हो सके हैं। इसके कारण मामलों में समय पर पैरवी भी नहीं हो रही है। एक साल से अधिक जवाब दावा प्रस्तुत करने से लंबित न्यायिक प्रकरणों को लेकर तो विभाग ने अब 18वां स्मरण पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि संबंधित सूचना निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध कराई जाए, लेकिन आदिनांक तक नहीं दी गई है।

सरकार के पास विभिन्न कोर्ट में मुकदमे लड़ने का यह है अमला
महाधिवक्ता-एक
जयपुर पीठ में
10 एएजी, दो गवर्नमेंट कौंसिल, 14 एडिशनल गवर्नमेंट कौंसिल, 17 डिप्टी गवर्नमेंट कौंसिल, 9 असिस्टेंट गवर्नमेंट कौंसिल

जोधपुर पीठ में
6 एएजी, तीन गवर्नमेंट कौंसिल, 14 एडिशनल गवर्नमेंट कौंसिल, 10 असिस्टेंट गवर्नमेंट कौंसिल

जयपुर जीए ऑफिस
दो एएजी, 11 एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट, 12 डिप्टी गवर्नमेंट एडवोकेट, एक असिस्टेंड गवर्नमेंट एडवोकेट

जोधपुर जीए ऑफिस
9 एडिशनल
गवर्नमेंट एडवोकेट,
10 डिप्टी गवर्नमेंट एडवोकेट, छह
असिस्टेंड गवर्नमेंट एडवोकेट


जयपुर मेट्रो प्रथम

एक लोक अभियोजक, दस अपर लोक अभियोजक, तीन विशेष लोक अभियोजक

जयपुर मेट्रो द्वितीय
एक लोक अभियोजक, दस अपर
लोक अभियोजक, छह विशेष लोक अभियोजक

जयपुर जिला
एक लोक अभियोजक, 14 अपर लोक अभियोजक, एक विशेष लोक अभियोजक

(इसके अलावा लोक सेवा आयोग से स्थायी रूप से नियुक्त होने वाले एडवोकेट अलग है और कई विभागों में अपने स्तर पर भी पैनल वकील बना रखे हैं)

ऐसे केस जिनके नंबर नहीं

विभिन्न महकमों के 1979 से ऐसे केस चल रहे हैं, जिनके केस नंबर ही अपडेट नहीं है। अर्थात 5802 ऐसे केसेज है, जिनमें केस नंबर के अभाव में संबंधित कोर्ट में पैरवी नहीं हो सकी और निस्तारण भी नहीं हो पा रहा है। इस तरह के मामले 38 विभागों से जुडेÞ हैं। न्याय विभाग ने सातवीं बार लाइट्स सॉफ्टवेयर में दर्ज इन प्रकरणों में केस नंबर दर्ज करने के लिए विभागों को पत्र लिखा है। ऐसे प्रकरणों की ये स्थिति हैं:-

वर्ष    केस     संख्या
1979    1
1980    1
1981    1
1990    2
1992    1
1993    3
1994    3
1995    14
1996    6
1997    3
1998    4
1999    6
2000    1
2001    2
2003    2
2004    2
2005    2
2006    12
2007    14
2008    23
2009    33
2010    72
2011    92
2012    80
2013    70
2014    80
2015    89
2016    271
2017    483
2018    544
2019    882
2020    1389
2021    1654
कुल    5802

न्याय विभाग ने ड्यू-कोर्स में लंबित न्यायिक प्रकरणों की न्यायालयवार समीक्षा की तो सामने आया कि करीब 20 हजार से अधिक प्रकरणों में प्रशासनिक विभागों ने संबंधित कोर्ट में इंद्राज न कर अन्य कोर्ट में इंद्राज कर दिया। विभाग के शासन संयुक्त सचिव ने ऐसे प्रकरणों का संबंधित कोर्ट में ही इंद्राज करवाने के लिए भी पत्र लिखा। ऐसे प्रकरणों की संख्या भी कुछ इस प्रकार हैं:-

विभाग    सुप्रीम कोर्ट    राज. हाईकोर्ट    आरसीएसटी    अन्य कोर्ट    एनजीटी    ट्रिब्यूनल    कुल
        जोधपुर-जयपुर

मेडिकल हेल्थ    33    1096-1949    857    7    0    6    3949
रेवेन्यू डिपार्टमेंट    13    1109-448    27    420    0    5    2039
राज. पब्लि. सर्विस कमी.    19    415-913    1    2    0    1    1351
आरएसआरटीसी    10    327-620    0    204    0    23    1186
स्कूल शिक्षा    2    189-769    34    57    0    115    1171
ऊर्जा    12    472-541    1    57    0    32    1115
होम डिपार्टमेंट    126    300-636    37    14    0    1    1114
एलएसजी    7    392-359    8    229    1    2    998
वित्त    111    485-301    0    22    0    0    924
जेडीए    11    0-204    0    444    0    231    890
पंचायतीराज    1    263-264    17    8    0    0    553
मेडिकल शिक्षा    3    97-390    4    16    0    0    510
यूडीएच    0    289-117    0    77    0    0    473
कॉपरेटिव    18    94-285    31    17    0    6    451
जल संसाधन    1    319-69    12    39    0    3    443
पीडब्ल्यूडी    1    203-147    14    66    0    1    432


विभाग    सुप्रीम कोर्ट    राज. हाईकोर्ट    आरसीएसटी    अन्य कोर्ट    एनजीटी    ट्रिब्यूनल    कुल
        जोधपुर-जयपुर

कृषि    4    173-192    1    42    0    0    412
डीओपी    9    85-229    39    2    0    2    366
उद्योग    6    141-154    0    60    0    2    363
उच्च शिक्षा    8    105-177    12    19    0    14    335
वन    6    104-89    15    24    1    0    229
पीएचईडी    0    132-31    14    14    0    0    191
खनिज व पेट्रोलियम    18    79-24    0    36    0    3    160
महिला बाल विकास    1    45-48    20    34    0    0    148
पशुपालन व डेयरी    1    22-101    7    8    0    0    139
पर्यावरण    5    42-58    0    8    19    2    134
ग्रामीण विकास    0    69-35    3    6    0    0    113
परिवहन    0    24-81    0    5    0    0    110
आईजीएनपी    1    72-9    2    9    0    0    93
पर्यटन    0    10-52    0    20    0    1    83
देवस्थान    1    47-11    0    23    0    0    82
खाद्य आपूर्ति    1    27-47    4    0    0    0    79


कोई भी नई शुरुआत होती है तो उनमें कठिनाइयां आती हैं, वैसे सभी विभागों से उचित समन्वय है और महाधिवक्ता के नेतृत्व में सरकार की तरफ से अदालतों में प्रभावी पैरवी की जा रही है। -डॉ. विभूति भूषण शर्मा, अतिरिक्त महाधिवक्ता, राजस्थान सरकार

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