विकास का बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश कर यह साफ कर दिया कि सरकार भारत की अर्थव्यवस्था और विकास को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश कर यह साफ कर दिया कि सरकार भारत की अर्थव्यवस्था और विकास को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन आम आदमी व मध्यम वर्ग को बजट कोई राहत देने वाला नजर नहीं आ रहा है। बजट में सरकार का जोर विकास और भविष्य के आर्थिक सुधारों पर जरूर रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछले साल-डेढ़ साल में कोरोना महामारी से उत्पन्न हालात ने अर्थव्यवस्था को काफी झकझोरा है तो राहतों की उम्मीद नहीं रह जाती। सरकार सिर्फ अर्थव्यवस्था में सुधार की तरफ ज्यादा ध्यान लगाती है। इसके लिए सरकार ने अपने इस बार के बजट में कई दीर्घकालीन योजनाओं की घोषणा करते हुए विकास के 25 साल का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। बजट में किसान, युवा वर्ग व महिलाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हुई हैं, जो कुछ राहत देने वाली जरूर है, लेकिन बजट में महंगाई व बेरोजगारी जैसी बड़ी समस्या पर सीधा कोई ध्यान नहीं दिया गया है। कहा जा रहा है कि 25 हजार कि.मी. के राजमार्गों के निर्माण, पांच नदियों को जोड़ने की योजना गांवों व शहरों में 80 लाख नए मकानों के निर्माण कार्यों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही घोषणा की है कि 60 लाख लोगों को नौकरियां दी जाएंगी। सवाल है कि कब घोषित योजनाएं शुरू होंगी और रोजगार न जाने कब मिलेगी, लेकिन बेरोजगारों को तो आज रोजगार की जरूरत है। फिर भी बजट लोंग टर्म उम्मीदों से भरा है साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है। बजट में आईटी व प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने की घोषणा की गई है और डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रावधान रखा गया है। छोटे और मझौले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने साढ़े सात लाख करोड़ रुपए का केपिटल इंवेस्टमेंट सरकार स्वयं लाएगी। इससे ये उद्योग खड़े होंगे। इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही ग्र्रामीण विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। पोस्ट आॅफिसों को बैंकों को जोड़ने से भी ग्र्रामीण क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। गांवों में संचार सेवाएं उपलब्ध कराए जाने से ग्र्रामीण रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। क्रिप्टो करेंसी की चर्चाओं के बीच बजट में भारत अपनी डिजिटल करेंसी को जारी करेगा, जिससे डिजिटल प्रचलन बढ़ेगा। कुल मिलाकर बजट हाथोंहाथ कोई राहत देने वाला नहीं है, लेकिन लोंग टर्म लिहाज से काफी बेहतर है। भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने की तैयारी का भी बजट है। बजट में आयकर में इस बार कोई राहत नहीं दी गई है न ही स्लैब बदले गए हैं। लेकिन इस बार किसी तरह के नए कर भी नहीं लगाए गए हैं। बजट में तीन साल में चार सौ वंदेमातरम ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है। कुल मिलाकर यह बजट भारत के विकास का संकेत है।
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