पायलट समर्थक MLA वेदप्रकाश सोलंकी बोले- अगर कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा तो मैं भी दे दूंगा इस्तीफा

पायलट समर्थक MLA वेदप्रकाश सोलंकी बोले- अगर कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा तो मैं भी दे दूंगा इस्तीफा

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के अगले दिन बुधवार को चाकसू से कांग्रेस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी हेमाराम के समर्थन में उतरे। सोलंकी ने चौधरी के इस्तीफ़े को दुखद बताते हुए मुख्यमंत्री से उनका मनोबल ऊंचा करने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं का भी अगर मनोबल टूट गया तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा।

जयपुर। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के अगले दिन बुधवार को चाकसू से कांग्रेस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी हेमाराम के समर्थन में उतरे। सोलंकी ने चौधरी के इस्तीफ़े को दुखद बताते हुए मुख्यमंत्री से उनका मनोबल ऊंचा करने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं का भी अगर मनोबल टूट गया तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा। सोलंकी ने अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधायक हेमाराम ने हमेशा पार्टी के हित में काम किया है। वे जमीन से जुड़े नेता है। समाज और क्षेत्र के विकास के लिए काम करते हैं। उनके मुद्दों को गंभीरता से सुना जाए। उनका इस्तीफा देना बहुत ही दुखद है।

सोलंकी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कार्यकर्ताओ का मनोबल बनाने की जरूरत है। हेमाराम जैसे ईमानदार और सीनियर नेता की भी सुनवाई नहीं हो रही है। आलाकमान को विधायक हेमाराम को मनाने की जरूरत है। आज उनका संयम टूट गया है, कांग्रेस आलाकमान को यह समझने की जरूरत है। सोलंकी ने कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूट रहा है। अधिकारी विधायकों की नहीं सुनते हैं। बहुत विभाग बिना मंत्रियों के हैं, वहां अधिकारी हावी हो रहे हैं। सोलंकी ने राजनीतिक नियुक्तियों की विभागों में अभी जरूरत बताई।

मैं भी दे दूंगा इस्तीफा: सोलंकी
वेदप्रकाश सोलंकी ने कहा कि सीनियर नेताओं की जब सुनवाई नहीं होती है, तब ही वह अपना इस्तीफा देते है। सोलंकी ने फिर दोहराते हुए कहा कि कांग्रेस में उनसे सीनियर नेता नहीं है और हेमाराम से वार्ता करने की जरूरत है। अगर मेरे कार्यकर्ता की नहीं सुनी जाएगी तो में भी इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन मैं अपना काम अपने स्तर पर पूरा करवा रहा हूं।

 

हमको सोचना होगा कि कौन कांग्रेस कार्यकर्ता
सोलंकी ने कहा कि जो आदमी राहुल गांधी के सामने चुनाव लड़ा। आज उसकी पत्नी आरपीएससी में मेंबर है, तो यह हमको सोचना होगा कि आखिर कौन कांग्रेस में कार्यकर्ता है और कौन कांग्रेस में कार्यकर्ता नहीं है। राजनीतिक नियुक्तियों पर कहा कि ऐसा नहीं है कि कोविड काल में राजनीतिक नियुक्तियां नहीं की जा रही है। बिल्कुल की जा रही है, एक-एक दो-दो करके की जा रही है। कोई आरपीएससी चेयरमान बन रहा है और कोई कुछ और बन रहा है। क्या वे कांग्रेस के लिए खून पसीना बहाने वाले कार्यकर्ता है।
 
पचपदरा विधायक का भी छलका दर्द
विधायक हेमाराम चौधरी की नाराजगी के बाद अब पचपदरा विधायक मदन प्रजापत की नाराजगी भी सामने आ रही है। प्रजापत ने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का नाम लिए बिना आरोप लगाए हैं कि बाड़मेर जिले में एक मंत्री के हस्तक्षेप से अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं। विधायकों का हक छीन कर अफसरों पर दबाव बनाया जा रहा है। आरोप है कि जिला और पुलिस प्रशासन विधायकों की बात नहीं सुनते।

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