प्रदेशभर में कोविड ड्यूटी में लगे रेजीडेंट्स और इंटर्न ने किया 2 घंटे पूर्ण कार्य बहिष्कार
विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत रेजीडेंट्स डॉक्टर्स और इंटर्न डॉक्टरों ने दो घंटे कार्य का बहिष्कार किया। आईसीयू सहित सभी तरह की सेवाएं इस दौरान प्रभावित रही।
जयपुर। विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत रेजीडेंट्स डॉक्टर्स और इंटर्न डॉक्टरों ने शुक्रवार सुबह 8 से 10 बजे तक दो घंटे का सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान कोविड, आईसीयू सहित सभी तरह की सेवाएं प्रभावित रही। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल और आरयूएचएस के ही करीब 1750 रेजीडेंट्स और इंटर्न इस कार्य बहिष्कार में शामिल हुए। जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट्स डॉक्टर्स (जार्ड) के उपाध्यक्ष डॉक्टर प्रशांत पाराशर ने बताया कि हम लंबे समय से 7 हजार मासिक स्टाइपेंड को बढ़ाकर 14 हजार करने, पीजी बैच 2018 की परीक्षा मई माह के अंत तक करवाने या वन टाइम रिलेक्सेशन देते हुए सभी को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट करने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। सरकार के अधिकारियों से कई स्तर पर बात हो रही है, लेकिन केवल आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा।
पाराशर ने बताया कि सरकार वार्ता कर रही है, लेकिन हमारी मांगों पर कोई फैसला नहीं कर पा रही। जबकि हम लगातार कोरोना महामारी में भी दिन-रात ड्यूटी दे रहे है। उन्होंने बताया कि अपनी मांगों को लेकर हम पिछले 4 दिन से नॉन कोविड ड्यूटी का भी कार्य बहिष्कार कर रहे है, लेकिन सरकार ने तब भी हमारी मांगों पर कोई एक्शन नहीं लिया। इस कारण मजबूरन हमें कोविड, आईसीयू और इमरजेंसी सेवाओं में भी दो घंटे का कार्य बहिष्कार करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जयपुर में लगभग 1750 और पूरे प्रदेश में करीब 5500 डॉक्टर्स इस आंदोलन में शामिल हुए है।
ये है प्रमुख मांगें
पीजी बैच 2018 की परीक्षा मई माह के अंत तक करवाने या वन टाइम रिलेक्सेशन देते हुए सभी को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया जाए। इसके अलावा रेजीडेंट्स को मिलने वाला स्टाइपेंड रिवाइज्ड किया जाए और एक कमेटी का गठन करें, जो हर 3-4 साल में स्टाइपेंड को रिवाइज्ड करें। सरकार की ओर से घोषित कोविड इंसेन्टीव राशि 5 हजार रुपए के आदेश शीघ्र जारी किए जाए। कोविड महामारी में ड्यूटी के बाद 7 दिन क्वारेंटाइन लीव दिया जाए।
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