फिर कश्मीर का रोना
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में अपनी बेजिंग यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और उनके साथ वार्ता में उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में अपनी बेजिंग यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और उनके साथ वार्ता में उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाया। चीन का कहना है कि कश्मीर विवाद पर भारत और पाक आपस में बातचीत कर इसका हल निकालें। कश्मीर पर किसी देश को एक तरफा कदम नहीं उठाना चाहिए। चीन ने ऐसा बयान देने में समझदारी बरती और बयान में इस बात का बड़ा ध्यान रखा, जिससे यह संदेश कतई नहीं जाए कि चीन भारत का विरोध कर रहा है। उसने काफी संतुलित बयान दिया। लेकिन वार्ता के बाद दोनों नेताओं को जो साझा बयान सामने आया, जो चिंताजनक है। बयान में कहा गया कि चीन-पाक गलियारे का काम तेजी से किया जाए। चीन की भारत विरोधी साजिश इसी बयान में छिपी है। चीन-पाक गलियारा उन इलाकों से गुजरता है, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है। चीन-पाक गलियारा के काम में तेजी लाने का मतलब है कि चीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में उन गतिविधियों को समर्थन और मदद दे रहा है जो भारत की दृष्टि से गैर कानूनी है और चीन की गतिविधियां भारत को किसी भी कीमत पर मान्य नहीं होंगी। दरअसल, इमरान खान बेजिंग में चल रहे ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने गए थे और रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी समारोह में शामिल हुए। भारत, अमेरिका व यूरोपीय देशों ने समारोह का बहिष्कार किया था। चीन की इच्छा थी कि रूस भी कश्मीर के मामले में कुछ कहे और पाकिस्तान की मदद करें, लेकिन पुतिन ने अपना कोई विचार नहीं रखा। वैसे इसी माह इमरान खान रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं। एक लंबे अर्से के बाद पाकिस्तान के किसी प्रधानमंत्री की यह रूस यात्रा होगी। इमरान को लगता है कि रूस यात्रा के दौरान पाकिस्तान को रूस का समर्थन मिल सकता है, लेकिन भारत-रूस के बीच निकट के संबंधों के चलते पुतिन कश्मीर पर शायद ही कुछ कहें। हालांकि चीन का प्रयास है कि रूस कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करें। लेकिन रूस पहले भी स्पष्ट रूप से कह चुका है कि कश्मीर भारत-पाक के बीच का आपसी मसला है और इसे दोनों मिलकर ही हल निकाल सकते हैं। पाक ने जहां-जहां भी कश्मीर का राग अलापा है, उसे खुलकर समर्थन कहीं भी नहीं मिला है। फिर भी पाकिस्तान अपनी आदत से लाचार होकर कश्मीर का रोना जारी रखता है।
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