सदनों में नारे लगाने पर अंकुश के लिए विचार करे राजनीतिक दल : बिरला

लोकतंत्र में सदन की शुचिता उसके सदस्यों के आचरण से होती है

सदनों में नारे लगाने पर अंकुश के लिए विचार करे राजनीतिक दल : बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानमंडलों के सदनों के सदस्यों की ओर से आसान में नारे लगाने पर रोष व्यक्त किया।

पटना। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानमंडलों के सदनों के सदस्यों की ओर से आसान में नारे लगाने पर रोष व्यक्त किया। बिरला ने कहा कि अब समय आ गया है, जब सभी विधानमंडल और राजनीतिक दल इस प्रवर्ति पर अंकुश लगाने के लिए विचार करे। बिरला ने कहा कि सदन की गरिमा को बनाएं रखना आवश्यक है। लोकतंत्र में सदन की शुचिता उसके सदस्यों के आचरण से होती है। संसद वाद-विवाद और संवाद के लिए है। ना कि व्यवधान के लिए है।

बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को नैतिक आचरण के उच्चतम मानदंडों का पालन करना चाहिए। जनप्रतिनिधि को हर काम पारदर्शिता से करना चाहिए। सदस्यों को सार्वजनिक और निजी जीवन में सदाचार के उच्चतम मानदंडों का पालन करना चाहिए। उनका आचरण ऐसा होना चाहिए, जिससे सदन की प्रतिष्ठा बढ़े। समाज को प्रेरणा मिले और दूसरों के लिए वे एक उदाहरण बने ।  



 

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