अगस्ता हेलिकॉप्टर 7 करोड़ 55 लाख रुपए में बिका, 200 करोड़ का नया विमान खरीदने की तैयारी

दोनों एयरक्रॉप्ट्स के मिले 25 करोड़

अगस्ता हेलिकॉप्टर 7 करोड़ 55 लाख रुपए में बिका, 200 करोड़ का नया विमान खरीदने की तैयारी

स्टेट हैंगर में खड़ा है 11 साल से

 जयपुर। सरकार ने आखिर 11 साल से कबाड़ में खड़े अगस्ता हेलिकॉप्टर को 7.55 करोड़ रुपए में बेच दिया है। साथ ही दोनों विमान 25 करोड़ 60 हजार में बेचे गए हैं। किंग एयर बी-200 को 18 करोड़ और किंग एयर सी-90 ए को सात करोड़ 60 हजार में बेचा है।

केन्द्र के मेटल स्क्रेप ट्रेड कॉरपोरशन (एमएसटीसी) के पोर्टल के जरिए गुरुवार को इन तीनों को ई-आॅक्शन में बेचा गया है। अगस्ता हेलिकॉप्टर की 12 बार नीलामी प्रक्रिया हो चुकी थी। अब 13वीं बार में राज्य सरकार को उम्मीद से ज्यादा राशि मिली है। राज्य नागरिक उड्डयन सचिव जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि गुरुवार को नीलामी में 18 कंपनियों ने भाग लिया। अगस्ता हेलिकॉप्टर की बोली ढाई करोड़ से शुरू हुई थी। किंग एयर बी 200 की बोली नौ करोड़ से शुरू हुई, जो 18 करोड़ तक पहुंची।  किंग एयर सी-90 ए की बोली साढ़े तीन करोड़ से शुरू हुई जो सात करोड़ 60 हजार तक पहुंची। तीनों को खरीदने के लिए 18 बड़ी कंपनियों ने उत्सुकता दिखाई थी।

30 करोड़ में खरीदा था
अगस्ता हेलिकॉप्टर 2005 में 20.05 करोड़ में खरीदा था।  यह 5121 घंटे उड़ चुका है। राज्य सरकार के दोनों विमान किंग एयर बी-200 और सी-90 ए हैं। इनमें पहला 16 और दूसरा 33 साल पुराना है।

स्टेट हैंगर में खड़ा है 11 साल से
20 नवम्बर, 2011 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चूरू के न्यांगल बड़ी गांव में महिला सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे थे। रास्ते में अगस्ता हेलिकॉप्टर की पंखुड़ी टूट गई, जिससे वह हवा में लहराने लगा। पायलट ने हेलिकॉप्टर को चांदकोठी के चारागाह में आपात लैंडिंग करवाई थी। तब से इस हेलीकॉप्टर में वीआईपी उड़ानें बंद कर दी और इसे हैंगर में खड़ा कर दिया गया।

200 करोड़ का नया विमान खरीदने की तैयारी, हाई पावर कमेटी की हुई बैठक
राज्य सरकार जल्द नया बड़ा लग्जरी विमान खरीदेगी। इसकी कीमत 200 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके लिए गुरुवार को हाई पावर कमेटी की बैठक हुई। दो साल पहले कोरोना की वजह से विमान खरीदने पर विराम लग गया था। अब मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार विमानन विभाग ने दोबारा प्रक्रिया शुरू की है। राज्य सरकार के पास फिलहाल न तो हेलिकॉप्टर है और न एयरक्रॉप्ट। जरूरत पड़ने पर किराए से मंगाने पड़ते हैं, जो काफी महंगे होते हैं। वैसे राज्य सरकार के लिए नया हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट खरीदने का रास्ता पहले ही साफ कर दिया गया है। अब नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख को पावर दे दी गई है। इसके लिए वित्त विभाग ने सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों में संशोधन किया है। वित्त विभाग के संयुक्त शासन सचिव विमल कुमार गुप्ता ने गत दिनों आदेश जारी किए हैं, जिसमें मोटर व्हीकल, एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर और बोट खरीदने के लिए विभागाध्यक्ष को फुल पावर रहेगी।

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