प्रदेश में 8वां हार्ट ट्रांसप्लांट : मर कर भी 4 लोगों को जिंदगी दे गया सुनील, ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की सहमति से हुआ अंगदान

कार ने सुनील की गाड़ी को टक्कर मार दी थी

प्रदेश में 8वां हार्ट ट्रांसप्लांट : मर कर भी 4 लोगों को जिंदगी दे गया सुनील, ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की सहमति से हुआ अंगदान

प्रदेश में 8वां हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ, लेकिन यह संभव हुआ सीकर के लाल सुनील साई के कारण। सुनील साई ने मरने के बाद भी अमर होते हुए चार लोगों की नई जिंदगी दी है।

जयपुर। प्रदेश में 8वां हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ, लेकिन यह संभव हुआ सीकर के लाल सुनील साई के कारण। सुनील साई ने मरने के बाद भी अमर होते हुए चार लोगों की नई जिंदगी दी है। सीकर में खेती का काम कर के लौटते समय एक अज्ञात कार ने सुनील की गाड़ी को टक्कर मार दी थी। टक्कर इतनी भीषण थी सुनील गंभीर घायल हो गया। सुनील को सीकर के एसके अस्पताल में भर्ती कराया, गया जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

सुनील साई अपने पीछे अपनी पत्नी अनीता देवी व बच्चे को छोड़ गये। परिजनों व गांव वालों के अनुसार सुनील साई हमेशा ही मदद के लिए तत्पर रहते थे और कभी भी किसी को मदद के लिए मना नहीं करते थे। सवाई मानसिंह अस्पताल में चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद भी सुनील को बचाना संभव नहीं हो पाया तथा ब्रेन डैड घोषित कर दिया गया। सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों डॉ. देवेन्द्र पुरोहित, डॉ. चित्रा सिंह तथा ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर्स की समझाइश के बाद सुनील के परिजनों ने मानवहित में निर्णय लेते हुए अंगदान करने का साहसिक फैसला लिया।राजस्थान में कार्यरत स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाईजेशन द्वारा हृदय को जयपुर स्थित ईटरनल हार्ट केयर सेंटर तथा लिवर को जयपुर स्थित मनीपाल अस्पताल व दोनो किडनियों को सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में आवंटित किया गया। इटरनल हॉस्पिटल में एक मरीज को हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया।


 

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