परीक्षाओं में नकल रोकने की जिम्मेदारी अब पुलिस को मिलेगी

एसओजी में गठित होगी नकल निरोधक ईकाई

परीक्षाओं में नकल रोकने की जिम्मेदारी अब पुलिस को मिलेगी

जयपुर। प्रदेश में परीक्षाओं में नकल रोकने का जिम्मा अब पुलिस को सौंपा जाएगा। इसके लिए एसओजी में नकल निरोधक इकाई गठित की जाएगी।

 जयपुर। प्रदेश में परीक्षाओं में नकल रोकने का जिम्मा अब पुलिस को सौंपा जाएगा। इसके लिए एसओजी में नकल निरोधक इकाई गठित की जाएगी। रीट परीक्षा प्रकरण को लेकर मचे बवाल के बाद राज्य सरकार नकल रोकने को लेकर काफी गंभीर है। इसके लिए विधानसभा के चालू सत्र में कठोर कानून भी बनाया जा रहा है। एसओजी में इकाई गठित करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा है। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर विचार किया जा रहा है। संभवत: विधानसभा के इसी सत्र में इसकी भी घोषणा की जाएगी। यह इकाई प्रदेश में परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक रोकने और नकल माफिया के खिलाफ  जांच करेगी।

ऐसे करते हैं नकल माफिया काम
गृह विभाग को मिली रिपोर्ट के अनुसार नकल माफिया से जुड़े लोग परीक्षा से पूर्व पेपर आउट कर परीक्षार्थियों को पेपर उपलब्ध करवाते हैं। अभ्यर्थी की जगह पर डमी अभ्यर्थी बिठानाने के साथ ही परीक्षा केन्द्र पर उत्तर कुंजी उपलब्ध करवाते हैं।परीक्षार्थी से ओएमआर शीट खाली रखवा कर परीक्षा केन्द्र के अन्दर ही परीक्षा के बाद वीक्षकों द्वारा ओएमआर शीट भरवाई जाती है। नकल माफियाओं द्वारा परीक्षा केन्द्र पर फर्जी वीक्षक की ड्यूटी लगवाना एवं उससे पेपर में नकल करवाते हैं। ब्लूटूथ द्वारा नकल करवाते हैं।

हर साल तीन करोड़ 36 लाख होंगे खर्च
राज्य सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार नकल निरोधक ईकाई के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एक उप अधीक्षक पुलिस, तीन पुलिस निरीक्षक तथा पांच एसआईए दो एएसआई, एक हैडकांस्टेबल तथा 14 कांस्टेबल और सात दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों सहित 27 पद मांगे गए हैं। इन पदों पर तीन करोड़ 36 लाख रुपए का सालना खर्च होगा।  नकल निरोधक यूनिट के लिए तीन चौपहिया वाहन, तीन मोटरसाइकिल के साथ फर्नीचरए, वायरलेस सेट सहित अन्य संसाधनों की मांग की गई है। इनमें वाहनों करीब 30 लाख रुपए तथा संसाधनों पर 35 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।

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