स्माइली इमोजी से बयां की खुशी : प्रदेश के पहले बेबी फीडिंग रूम सुविधा पर 800 माताओं ने कहा-शुक्रिया... हवामहल!
केवल हवामहल में बेबी फिडिंग रूम
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन आने वाले किले, महलों और संग्रहालयों में पर्यटकों की सुविधार्थ कुछ ना कुछ नई गतिविधियां करता रहता है। कुछ ऐसी ही गतिविधी जुलाई, 2017 में हवामहल स्मारक में शुरू की थी, जिसे बच्चों की माताओं ने सहारा।
जयपुर। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन आने वाले किले, महलों और संग्रहालयों में पर्यटकों की सुविधार्थ कुछ ना कुछ नई गतिविधियां करता रहता है। कुछ ऐसी ही गतिविधी जुलाई, 2017 में हवामहल स्मारक में शुरू की थी, जिसे बच्चों की माताओं ने सहारा। दरअसल स्मारक में भ्रमण के लिए पर्यटकों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी साथ आते हैं। इन बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखकर यहां बेबी फिडिंग रूम बनाया गया। जहां माताएं भूख लगने पर बच्चों को दुग्धपान कराती हैं। तब से लेकर अब तक करीब 3 हजार से अधिक माताओं ने इस व्यवस्था का लाभ उठाया। इसमें से 800 से अधिक माताओं ने व्यवस्था को देखकर अपनी स्वेच्छा विजिटर बुक में सुविधा के बारे में अपने विचार लिखकर हवामहल प्रशासन को शुक्रिया कहा।
केवल हवामहल में बेबी फिडिंग रूम
पुरातत्व विभाग के प्रदेश में संग्रहालयों और किलो-महलों को मिलाकर तकरीबन 29 से अधिक मॉन्यमेंट्स हैं। बेबी फिडिंग रूम की सुविधा केवल हवामहल स्मारक में ही देखने को मिल रही है। इसके अतिरिक्त विभाग के किसी अन्य जिलों में स्थित मॉन्यूमेंट्स में इस तरह की सुविधा नहीं है। स्मारक आने वाले अन्य पर्यटकों का कहना है कि यहां की तरह अन्य पर्यटन स्थलों पर भी बेबी फिडिंग रूम की सुविधा होनी चाहिए।
डोरेमॉन, स्पाइडर मैन देख चेहरे पर आती है मुस्कान
स्मारक परिसर के अंदर बनाए गए बेबी फिडिंग रूम में जाते ही रोते हुए नन्हें-मुन्नों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है। यहां माताएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को दुग्धपान कराती हैं। साथ ही यहां उनके लिए डोरेमॉन, स्पाइडर मैन जैसे कॉर्टून कैरेक्टर्स के खिलौने भी हैं, जो रोते हुए चेहरों पर नन्हीं मुस्कान ला देते हैं।
ये कहा माताओं ने
हमें यहां बच्चों को दूध पिलाने की सुविधा बहुत अच्छी लगी। - ईशा, दिल्ली
यहां छोटे बच्चों के लिए अच्छी व्यवस्था है। किसी अन्य पर्यटन स्थलों पर इस तरह की सुविधा नहीं है। - प्रियंका सैनी, जोधपुर
अपने शिशुओं को लेकर स्मारक में भ्रमण के लिए आने वाली माताओं की सुविधार्थ शिशुपान कक्ष बनाया था। यहां वे बच्चों को दुग्धपान करवा सकती हैं। साथ ही बच्चों को यहां आकर खूब आनन्द आता है। - सरोजनी चंचलानी, अधीक्षक, हवामहल स्मारकु
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