ऑपरेशन सरहद: 14 महीने में पीआईओ के संपर्क में रहने वाले आठ लोगों को पकड़ा

पुलिस मुख्यालय की इंटेलिजेंस शाखा ने प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर तैनात होकर 14 महीने में पाकिस्तान को सामरिक महत्व की सूचनाएं भेजने वाले आठ लोगों को पकड़ा है।

ऑपरेशन सरहद: 14 महीने में पीआईओ के संपर्क में रहने वाले आठ लोगों को पकड़ा

डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा की ओर से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर के संवेदनशील क्षेत्रों में ऑपरेशन सरहद चलाया गया है।

 जयपुर। पुलिस मुख्यालय की इंटेलिजेंस शाखा ने प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर तैनात होकर 14 महीने में पाकिस्तान को सामरिक महत्व की सूचनाएं भेजने वाले आठ लोगों को पकड़ा है। जानकारी के अनुसार पाक की आईएसआई और पाक इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्ज (पीआईओ) द्वारा झूठे नाम से सोशल मीडिया और फोन कॉल करके देश के संवेदनशील संस्थानों (छावनी क्षेत्र) के आसपास रहने वाले भारतीय नागरिकों और कर्मचारियों से सम्पर्क कर सैन्य एवं सामरिक महत्व की सूचनाएं लेने के लिए प्रयास किए जाते रहे हैं। इन एजेंसियों के फैलाए जाल में आकर लोग महत्वूपर्ण सूचनाएं साझा कर देते हैं। इस संबंध में देश के कई क्षेत्रों में मुकदमे दर्ज हुए हैं। प्रदेश की राज्य विशेष शाखा ने वर्ष 2021 में सात और 2022 में एक प्रकरण शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत दर्ज किए हैं। इस संबंध में डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा की ओर से जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर के संवेदनशील क्षेत्रों में ऑपरेशन सरहद चलाया गया है।

ऐसे शुरू हुआ ऑपरेशन
ऑपरेशन सरहद तीन चरणों में चलाया गया। इसमें राज्य विशेष शाखा जयपुर व सीआईडी जोन जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर के करीब 50 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पहले चरण में जैसलमेर, बाड़मेर व जोधपुर के छावनी क्षेत्रों के आसपास रहने वाले ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जो किसी तरह से पीआईओ के सम्पर्क में हैं। दूसरे चरण में ऐसे चिन्हित व्यक्तियों पर तकनीकी व अन्य साधनों से निगरानी कर डाटा इकट्ठा किया गया। अंतिम चरण में चिन्हित तीन दर्जन से अधिक लोगों को जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर में बुलाकर पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद कुछ संदिग्धों से तकनीकी उपकरणों को कब्जे में लिया और जांच के लिए एफएसएल के पास भेजा।

डीजी की अपील
डीजी उमेश मिश्रा ने अपील की है कि पीआईओ व आईएसआई की ओर से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सअप, इंस्टाग्राम के माध्यम से फर्जी नामों से आईडी बनाई जाती है। फिर लोगों से सम्पर्क कर आपसी सौहार्द बढ़ाते हैं और सामरिक व सैन्य जानकारी, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, अधिकारियों के मोबाइल नम्बर लोकेशन मांगी जाती है, जिसे कुछ व्यक्ति जाने-अनजाने में दे देते हैं। ऐसा करना प्रतिबंधित और राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अनुचित है। ऐसा नहीं करें, यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो तुरंत नजदीक की सुरक्षा एजेंसी को सूचित करें।

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