तीन साल में सरकार ने वसूले 2176 करोड़, खर्च हुए महज 5.20 करोड़
अकेले गो सेस पेटे हुई 970 करोड़ की वसूली
निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा की ओर से प्रश्नकाल में यह मामला उठाया। इस दौरान लोढ़ा और स्पीकर सीपी जोशी के बीच नोकझोंक भी हुई।
जयपुर। प्रदेश में गो सेस पेटे की गई वसूली राशि का उपयोग नहीं होने पर विधानसभा में गुरुवार को सरकार घिरी। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा की ओर से प्रश्नकाल में यह मामला उठाया। इस दौरान लोढ़ा और स्पीकर सीपी जोशी के बीच नोकझोंक भी हुई।
वित्त मंत्री के तौर जवाब देते हुए शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश में राज्य सरकार को स्टाम्प ड्यूटी पर अधिभार से वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 (31.01.2022 तक) 970 करोड़ 94 लाख 74 हजार तथा मदिरा की बिक्री पर वैट पर अधिभार से वर्ष 2019-20 से 2021-22 (31.01.2022 तक) प्राप्त 1205 करोड़ 10 लाख 72 हजार का राजस्व प्राप्त हुआ। अर्थात अधिभार से प्राप्त कुल 2176 करोड़ 5 लाख 46 हजार रुपए प्राप्त हुए है। इस पर लोढ़ा ने कहा कि गौशाला विकास पर महज 5 करोड़ और बायो गैस सहभागिता योजना में महज 20 लाख रुपए खर्च हुए है, जबकि प्रदेश में 1.39 लाख गोवंश है, उसमें से महज करीब 10 लाख को लाभान्वित कर रहे है। इस पर धारीवाल ने कहा कि आपके द्वारा उठाए गए प्रश्न का इस सवाल से कोई ताल्लुक नहीं है। बायोगैस पर दूसरा कोई प्रस्ताव नहीं आया, किसके मापदंड निर्धारित किए हुए हैं। विकास पर भी 5 करोड़ ही इसलिए खर्च हुआ, क्योंकि दूसरा कोई प्रस्ताव ही नहीं आया।प्रत्येक ब्लॉक में नंदी शाला बनाने पर 111 करोड रुपए खर्च होगा। अन्य विभिन्न प्रयोजनों के लिए सहायता दी जाती है। लोढ़ा ने अन्य सवाल पूछना चाहा, लेकिन स्पीकर ने इजाजत नहीं दी। इससे लोढ़ा और स्पीकर के बीच नोंकझोंक भी हुई।
चतुराई से सवाल को आंकड़ों में फंसा दिया: कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सवाल पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जिस तरह का प्रश्न है और जिस तरह का उत्तर है, उससे कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। इन्होंने बहुत चतुराई से आंकड़ों में फंसा दिया है। मंत्री धारीवाल ने कहा कि 2020 में आपने मद्रा पर 20 प्रतिशत सेस लगाया। इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।
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