सरकार ने खरीदी महंगी बिजली, विपक्ष ने सदन में घेरा
स्पीकर बोले- इस सवाल को अलग से विस्तृत तौर पर अलग से लेकर आए
जयपुर। राज्य विधानसभा में गुरुवार को महंगी बिजली की खरीद को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। मामले में सरकार का बचाव करते हुए स्पीकर सीपी जोशी ने विपक्ष से इस सवाल को अलग से लाने की बात कहीं।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रश्नकाल में प्रदेश में बिजली खरीद का मामला उठाया। जवाब में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि 16 से ₹20 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदने की बात पूरी तरह सही नहीं है।बिजली समस्या होने पर कुछ समय के लिए ही यह बिजली खरीद की गई थी। राठौड़ ने पूछा कि बिजली होने के बावजूद आपने अगस्त में महंगी बिजली क्यों खरीदी। इस पर भाटी ने कहा कि अगस्त माह में कोयला खदानों में पानी भर जाने से समस्या हुई, जो पूरे देश में कोयले की कमी हो गई। उस वक्त ओपन एक्सचेंज से यह बिजली खरीदी गई।
राठौड़ ने कहा कि 13097 करोड़ की बिजली खरीदी है। यह बड़ा स्कैंडल है, इस पर आधे घंटे की चर्चा करवाई जाए। मंत्री भाटी ने कहा कि किसानों को और आम लोगों को पूरी बिजली दे सके। इस सोच के साथ हमने काम किया है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि एक ही महीने में तीन अलग-अलग कंपनियों से तीन अलग-अलग रेट पर बिजली क्यों खरीदी गई? मंत्री भाटी ने कहा कि उस समय की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमने यह निर्णय लिया था।
कब--कब खरीदी बिजली
भाटी ने बताया कि जुलाई अगस्त व सितंबर 2021 में बिजली एक्सचेंज से 16 से ₹20 प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई। इसी तरह जुलाई-अगस्त सितंबर 2021 में बिजली की मात्रा और औसत कुछ इस प्रकार रही। जुलाई में 25.44 करोड़ यूनिट बिजली 2.91 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी गई, जिसकी लागत 75.04 करोड़ रुपए थी। इसी तरह अगस्त 2021 में 77.70 करोड़ यूनिट बिजली 6.23 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी गई जिसकी लागत 484.13 करोड़ थी। साथ ही सितंबर 2021 में 41.37 करोड़ यूनिट बिजली 3. 55 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी गई इसकी लागत 146.88 करोड रूपए थी।
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