सीएमआईई की रिपोर्ट : प्रदेश में कुल 65 लाख बेरोजगार, इनमें 20.67 लाख बेरोजगार ग्रेजुएट भी

राजस्थान की बेरोजगारी दर 18.95 प्रतिशत, हरियाणा की 23.4 फीसदी

सीएमआईई की रिपोर्ट : प्रदेश में कुल 65 लाख बेरोजगार, इनमें 20.67 लाख बेरोजगार  ग्रेजुएट भी

कोरोनाकाल के बाद भी राजस्थान में बेरोजगारों की संख्या में बहुत ज्यादा सुधार नहीं दिखा है। हालात यह है कि प्रदेश में 65 लाख लोग बेरोजगार हैं, इनमें 20.67 लाख ग्रेजुएट युवा भी शामिल हैं।

जयपुर। कोरोनाकाल के बाद भी राजस्थान में बेरोजगारों की संख्या में बहुत ज्यादा सुधार नहीं दिखा है। हालात यह है कि प्रदेश में 65 लाख लोग बेरोजगार हैं, इनमें 20.67 लाख ग्रेजुएट युवा भी शामिल हैं। फिलहाल राजस्थान में बेरोजगारी दर 18.95 प्रतिशत है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा में यह 23.4 प्रतिशत है। संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी की जारी रिपोर्ट में जनवरी 2022 तक देश में औसत बेरोजगारी दर 6.57 प्रतिशत रही। पिछले कुछ महीनों में यह दर सात से नौ प्रतिशत तक थी। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर तेलगांना-0.7%, गुजरात-1.2%, मेघालय-1.5% और ओडिशा-1.8% है। उच्च बेरोजगारी दर वाले राज्यों में हरियाणा 23.4% के साथ टॉप पर है। राजस्थान-18.95%, त्रिपुरा-17.1%, जम्मू कश्मीर-17.1% तथा दिल्ली-14.1% है।

सरकारी रिकॉर्ड में बेरोजगारी के ये हालात
राज्य में 16.54 लाख बेरोजगारों के नाम रोजगार कार्यालय में दर्ज हैं। इनमें से 13.64 लाख ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगार हैं। 6.11 लाख बेरोजगार युवाओं ने मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना में बेरोजगारी भत्ता हासिल करने के लिए आवेदन किया। सरकार ने 4.02 लाख युवाओं को जनवरी तक भत्ता दिया। निजी क्षेत्र में रोजगार के लिए सरकार ने 7,623 युवाओं को स्किल ट्रेनिंग दी और 31,525 को इंटरशिप दी।


पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा बेरोजगार
प्रदेश में पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा बेरोजगार हैं। रिपोर्ट के अनुसार दिसम्बर 2021 तक राजस्थान में महिलाओं की बेरोजगारी दर-74.2% तथा पुरुषों की 20.7% दर रही। जम्मू कश्मीर(82.8 प्रतिशत) के बाद राजस्थान में ही सबसे ज्यादा महिला बेरोजगारी दर है। जबकि देश में दिसम्बर 2021 तक महिला बेरोजगारी दर 12.8% तथा पुरुषों की दर 6.7% रही।
वहीं दिसम्बर 2021 तक ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं 88% तथा शहरी क्षेत्रों में 68.4 % बेरोजगार थीं। ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी के पीछे सामाजिक, सुरक्षा, दूरस्थ इलाकों में नौकरी के लिए आवेदन की कमी, निजी क्षेत्र में जाने से हिचक, स्वरोजगार के लिए घरेलू बंदिशें जैसे कारण हैं। पुरुषों में महंगे पढ़ाई खर्च से पीछे हटने, सरकारी क्षेत्र को ज्यादा तवज्जो देने, प्राइवेट सेक्टर में सलेक्टिव क्षेत्रों को ही चुनने जैसे कारण हैं।

Post Comment

Comment List

Latest News

कश्मीर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का पार्टी का था फैसला : आजाद कश्मीर से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का पार्टी का था फैसला : आजाद
संसद का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला पार्टी ने लिया है। उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ने के लिए...
इस बार मोदी की बेव नहीं, विकास के मुद्दों पर राजनीति नहीं केवल चुनाव हो : पायलट
राजस्थान में सभी 25 लोकसभा सीट जीतेगी भाजपा : पूनिया
पाकिस्तान में आत्मघाती हमला, बचे 5 जापानी नागरिक
निर्वाचन विभाग की नहीं मिली वोटर पर्ची, बूथ पर मतदान कर्मियों से उलझे लोग
बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा, भाजपा-तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच पथराव 
अर्विक बैराठी ने लोगों को वोटिंग के लिए किया प्रोत्साहित