मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों की गरमा-गरमी का मामला, धारीवाल-डोटासरा ने मुख्यमंत्री के सामने रखा पक्ष

मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्रियों की गरमा-गरमी का मामला, धारीवाल-डोटासरा ने मुख्यमंत्री के सामने रखा पक्ष

राज्य मंत्रिपरिषद की बुधवार को आयोजित बैठक में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के बीच हुई गरमा-गरमी का मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल थम गया है और दोनों मंत्रियों ने चुप्पी साध ली। इसके साथ ही दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपना-अपना पक्ष भी रखा।

जयपुर। राज्य मंत्रिपरिषद की बुधवार को आयोजित बैठक में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के बीच हुई गरमा-गरमी का मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल थम गया है और दोनों मंत्रियों ने चुप्पी साध ली। इसके साथ ही दोनों मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपना-अपना पक्ष भी रखा। मुख्यमंत्री ने दोनों मंत्रियों की इस हरकत पर नाराजगी जताई है। इस घटना से विरोधी दलों के नेताओं को बयानबाजी करने का मौका मिलने के साथ ही सरकार की किरकिरी भी हुई है।

सूत्रों के अनुसार दोनों मंत्रियों का पक्ष जानने के बाद मुख्यमंत्री ने हिदायत दी है कि भविष्य में ऐसा न करे। मंत्रिपरिषद की बैठक में हुई इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने रात को डोटासरा को अपने निवास पर बुलाया था। डोटासरा उस समय लक्ष्मणगढ़ के लिए रवाना हो चुके थे, लेकिन बीच रास्ते से वापस आकर उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष अपना पक्ष रखा। इसके बाद गुरुवार को धारीवाल ने भी अपना पक्ष रखा। तनानती के बीच डोटासरा ने धारीवाल से कहा था कि इसकी शिकायत कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी से करेंगे। धारीवाल ने भी देख लेने को कहा। दोनों मंत्रियों के बीच हुई गरमा-गरमी को अन्य मंत्रियों ने शांत कराया।

दो और मंत्री भिड़ते-भिड़ते बचे
सूत्रों के अनुसार मंत्रिपरिषद की इसी बैठक में उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास भी भिड़ते-भिड़ते बच गए। हालांकि खाचरियावास ने इस तरह की घटना से इनकार किया है। परसादीलाल मीणा ने जयपुर में मुस्लिम धर्म गुरु के जनाजे में उमड़ी भीड़ और उसमें विधायक के शामिल होने पर सवाल उठाए थे। इस पर खाचरियावास ने परसादी पर ही सवाल उठा दिए थे। मीणा ने कहा था कि जब विधायक और बड़े जनप्रतिनिधि ही इस तरह कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करेंगे तो आम आदमी में क्या मैसेज जाएगा। जयपुर में जनाजे की भीड़ में विधायक को नहीं जाना चाहिए था। सरकार की फजीहत हो रही है। जयपुर ही नहीं प्रदेशभर में विधायकों, मंत्रियों को यह ध्यान रखना चाहिए। इस पर खाचरियावास ने पलटवार करते हुए कहा कि विधायक अपने क्षेत्र में नहीं जाएगा क्या, पुलिस को इस तरह क्लीन चिट नहीं दे सकते। जयपुर में जनाजे में पुलिस भी थी, कहां भीड़ कंट्रोल कर पाई। विधायक जनप्रतिनिधि फिर भी भीड़ कंट्रोल कर लेते हैं।

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