कोरोना से ठीक होने के बाद भी शरीर में छिपा रहता है वायरस: शोध

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण ने अपना कहर बरपाया।

कोरोना से ठीक होने के बाद भी शरीर में छिपा रहता है वायरस: शोध

धीरे-धारे पूरे विश्व से संक्रमण की रफ्तार कम होती दिख रही है।

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण ने अपना कहर बरपाया। धीरे-धारे पूरे विश्व से संक्रमण की रफ्तार कम होती दिख रही है। भारत में भी कोरोना के मामलों में गिरावट हो रही है। इसी बीच एक अंतरराष्टÑीय शोध दल ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। शोध दल के मुताबिक कोरोना वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देते हुए संक्रमित मरीजों के शरीर में छिप सकते हैं। मेडिकल रिसर्च  टीम ने दो अध्ययनों में पाया कि कोरोना संक्रमित के शरीर से वायरस की पूरी तरह से निकासी काफी कठिन है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कैसे कोरोना वायरस विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में विकसित हो सकते हैं। साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे सकते हैं। कोरोना के विभिन्न वेरिएंट की एक निरंतर श्रृंखला ने मूल वायरस को पूरी तरह से बदल दिया है।


छुटकारा पाना मुश्किल
 शोध के निष्कर्षों से पता चला है कि कोरोना संक्रमित के शरीर में कई अलग-अलग वायरस हो सकते हैं। इनमें से कुछ किडनी या स्प्लीन कोशिकाओं में छुपे हो सकते हैं। वहीं शरीर प्रमुख वायरस से बचाव के लिए संघर्ष कर रहा होता है। इसके कारण संक्रमितों के लिए कोरोना से पूरी तरह से छुटकारा पाना मुश्किल हो सकता है।


वायरस म्यूटेशन  
  वायरस के शरीर में छिपे रहने के अलावा एक और चिंताजनक बात सामने आई है। कई लोगों को एक ही समय में अलग-अलग वेरिएंट से संक्रमित देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि निष्कर्ष बताते हैं कि समय के साथ वायरस में होने वाला म्यूटेशन इसे और भी खतरनाक बनाता जा रहा है। प्रतिरक्षा प्रणाली से छिपते हुए वायरस का शरीर के अंगों में मौजूद रहना और लोगों में एक साथ एक या अधिक वेरिएंट से संक्रमण का पता चलना काफी चिंताजनक है।

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