मेडिकल कॉलेजों का जाल बिछाने के लिए नियमों में हो बदलाव : सीएम
निजी क्षेत्र में भी अधिकाधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो सकें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के नियमों को अधिक सरल एवं व्यावहारिक बनाए, जिससे सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी अधिकाधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो सकें।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के नियमों को अधिक सरल एवं व्यावहारिक बनाए, जिससे सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी अधिकाधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित हो सकें। इससे मेडिकल एजुकेशन का दायरा बढ़ेगा और लोगों को अपने निकटतम स्थान पर बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। वर्तमान यूक्रेन संकट के बाद जरूरी हो गया है कि देशभर में मेडिकल कॉलेजों का जाल बिछे। गहलोत सीएमआर से वीसी के जरिए नागौर एवं अलवर मेडिकल कॉलेज के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के समय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए केन्द्र एवं राज्य की हिस्सा राशि का अनुपात 75:25 था, जिसे बढ़ाकर अब 60:40 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्यों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए केन्द्र सरकार को अपनी हिस्सा राशि बढ़ानी चाहिए।
मेडिकल कॉलेज खुलने से आर्थिक तंत्र का निर्माण: मनसुख मांडविया
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि केन्द्र सरकार का प्रयास है कि देशभर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़े और लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के खुलने से केवल चिकित्सा क्षेत्र के विद्यार्थियों को ही लाभ नहीं होता बल्कि स्थानीय लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं और वहां एक आर्थिक तंत्र का निर्माण होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार के सहयोग से नए मेडिकल कॉलेजों का काम समय पर पूरा हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि अलवर और नागौर में 650 करोड़ की लागत से नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण करवाया जा रहा है।
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