सूमी से पौलेंड पहुंचे कोटा के दो स्टूडेंट्स

आज फ्लाइट्स आने की संभावना, फ्लाइट्स का इंतजार

सूमी से पौलेंड पहुंचे कोटा के दो स्टूडेंट्स

युद्धग्रस्त यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी शहर सूमी से सुरक्षित 700 इंडियन स्टूडेंट्स पॉलैंड पहुंच गए हैं। इनमें कोटा के दो स्टूडेंट्स शामिल हैं। इन्होंने बॉर्डर भी पार कर ली है। ये अभी पॉलैंड में रूके हुए हैं।

कोटा । युद्धग्रस्त यूक्रेन के उत्तर-पूर्वी शहर सूमी से सुरक्षित 700 इंडियन स्टूडेंट्स पॉलैंड पहुंच गए हैं। इनमें कोटा के दो स्टूडेंट्स शामिल हैं। इसमें सांगोद का कार्मिक नंदवाना और एक अन्य है। इन्होंने बॉर्डर भी पार कर ली है। ये अभी पॉलैंड में रूके हुए हैं। फ्लाइट्स का इंतजार है। संभावना जताई जा रही है कि स्टूडेंट्स गुरूवार या शुक्रवार को कोटा पहुंचेंगे। कोटा के स्टूडेंट्स ने बताया कि सूमी से मंगलवार सुबह करीब 9.30 बजे निकले थे। पहले वे पोल्टावा पहुंचे जो 170 किलोमीटर दूर स्थित है और फिर वे पश्चिमी यूक्रेन के शहर लवीव के लिए विशेष ट्रेन में सवार हुए। पोल्टावा और लवीव के बीच दूरी करीब 888 किलोमीटर है और यह लगभग 12 घंटों की यात्रा है। लवीव से उन्हें बसों में करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित पोलैंड सीमा तक ले जाया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय छात्रों के बाद अन्य देशों के छात्रों को भी निकाला गया है। सूमी से लगभग 95 प्रतिशत छात्रों की निकासी हो चुकी है। उनका कहना है कि सूमी से बाहर आने के बाद राहत मिली है। थक गए हैं, लेकिन खुश हैं। मंगलवार सुबह से यात्रा कर रहे हैं और अभी कई घंटों की यात्रा करनी है, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि सुरक्षित घर पहुंच जाएंगे। पिछले दिनों परेशान  स्टूडेंट्स द्वारा एक वीडियो साझा करने के बाद उन्हें निकालने का पहला प्रयास सात मार्च को किया गया था।

युद्धग्रस्त क्षेत्र में फंसे थे स्टूडेंट्स
कोटा के स्टूडेंट्स सबसे युद्ध ग्रस्त क्षेत्र सूमी में फंसे थे। कीव के बाद सबसे अधिक प्रभवित क्षेत्र था। यहां पर बड़ी संख्या में बमबारी हुई थी। ऐसे में स्टूडेंट्स की हालत खराब हो रही थी। बंकर में छिपे हुए थे। पानी की आपूर्ति प्रभावित हो गई थी, जिसके चलते  बर्फ से प्यास बुझाने को मजबूर थे। भोजन की कमी भी थी। ऐसे में परेशान थे। इधर, अभिभावक भी चिंतित थे। सरकार से लगातार वापसी की गुहार लगा रहे थे। इनके वहां से आने से राहत मिली है।

इधर, स्टूडेंट्स का किया स्वागत
भाजपा उद्योग नगर मंडल के पदाधिकारियों ने यूक्रेन से भारत लौटी छात्राओं की  कुशलक्षेम जानी व स्वागत किया। मंडल महामंत्री रोहित महावर ने बताया कि  भाजपा उद्योग नगर मण्डल के कार्यकतार्ओं ने मंडल अध्यक्ष रविंद्र सिंह हाड़ा नरेश के नेतृत्व में व भाजपा जिला उपाध्यक्ष नेता खंडेलवाल के सानिध्य में यूक्रेन से  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों व राजनीतिक कुशलता से सकुशल वापस लौटी  छात्राएं आस्था साहनी एवं कविता गुर्जर को उनके निवास पर कुशलक्षेम पूछी और माला पहनाकर व मीठा मुंह करवाकर स्वागत किया । दोनों छात्राओं ने उनके यूक्रेन से भारत तक लौटने के दौरान के अनुभवों को साझा किया व परिजनों ने भाजपा पदाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में भाजपा जिला उपाध्यक्ष नेता खंडेलवाल, जिला मंत्री रेखा खेलवाल, मंडल महामंत्री राजेश सिंह कुशवाह, युवा मोर्चा मण्डल अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह आमेरा, महिला मोर्चा अध्यक्ष शारदा भाटी, बोरखेड़ा मंडल महिला मोर्चा अध्यक्ष रेखा शर्मा, युवा नेता नानू शर्मा व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

यूक्रेन के प्रभाव से अपर-एज लिमिट हटाई
नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी नई दिल्ली ने देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी से अपर-एज लिमिट को हटा दिया है। एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि उपरोक्त जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, भारत सरकार द्वारा आॅफिशियल ट्विटर-हैंडल के जरिए जारी की गई। देव शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जारी किए ट्वीट के अनुसार नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी नई दिल्ली के उपरोक्त निर्णय से देश की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी तथा विद्यार्थियों की एमबीबीएस करने की महत्वाकांक्षा को बल मिलेगा। विद्यार्थी अब तनावमुक्त होकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी की तैयारी कर सकेंगे।

अब तक ऐसी थी व्यवस्था
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी की पात्रता शर्तों में अपर-एज की शर्त सम्मिलित थी। अपर-एज लिमिट की पात्रता-शर्तों के अनुसार जनरल कैटेगरी के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा-तिथि तक जनरल-कैटेगरी के विद्यार्थिर्यों के लिए आयु 25-वर्ष से कम होना अनिवार्य थी। ओबीसी, एससी, एसटी एवं पीडब्ल्यूडी-कैटेगरी के विद्यार्थियों के लिए आयु-सीमा में 5-वर्ष की अतिरिक्त छूट दी गई थी। देव शर्मा ने बताया कि अपर-एज लिमिट की उपरोक्त पात्रता-शर्तों पर फिलहाल उच्चतम-न्यायालय की न्यायिक-रोक जारी है। देव शर्मा ने स्पष्ट किया कि प्रतिवर्ष विद्यार्थियों को यह भय एवं आशंका बनी रहती थी कि यदि उच्चतम न्यायालय द्वारा न्यायिक-रोक हटा दी जाती है तो वे अपर-एज लिमिट की पात्रता-शर्तों के कारण मेडिकल प्रवेश-परीक्षा नीट-यूजी में सम्मिलित होने से वंचित रह जाएंगे। उच्चतम-न्यायालय की रोक कब तक जारी रहेगी और कब हटा ली जाएगी इस अनिश्चितता के चलते विद्यार्थी हमेशा तनाव में रहते थे तथा उनकी नीट-यूजी प्रवेश-परीक्षा की तैयारी प्रभावित होती थी, लेकिन नेशनल मेडिकल कमीशन-एमएमसी,नई दिल्ली द्वारा अपर-एज लिमिट हटा दिए जाने के निर्णय से अनिश्चितता समाप्त हो चुकी है तथा विद्यार्थी बेहद खुश हैं।

यूक्रेन-घटना का भी प्रभाव रहा
देव शर्मा ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन-एनएमसी, नई दिल्ली द्वारा अपर-एज लिमिट हटाए जाने से संबंधित उपरोक्त निर्णय के पीछे वर्तमान समय में जारी यूक्रेन-संकट का भी प्रभाव है। कारण यह है कि नीट-यूजी की पात्रता-शर्तों के कारण बड़ी-संख्या में विद्यार्थिर्यों को देश छोड़कर विदेश से एमबीबीएस करने जाना पड़ता था। एनएमसी-नई दिल्ली के उपरोक्त निर्णय से विद्यार्थियों की विदेश जाने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी।

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