यूक्रेन-रूस से प्रवासी पक्षियों पर आया संकट
भारत से वापसी में होगी दिक्कत, मार्च तक रहता है यहां प्रवास, ग्रेलैग गूज, कॉमन शेल्डक, रूडी शेल्डक, मलार्ड की रहती है मौजूदगी
हर साल बड़ी तादाद में हजारों किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी पक्षी यहां आते हैं। लेकिन, वहां युद्ध की स्थिति में प्रवासी पक्षियों पर भी वापसी का संकट आ गया है। युद्ध की स्थिति में उनका यूक्रेन-रूस में रहना संभव नहीं होगा। ऐसी स्थिति में ये प्रवासी पक्षी अन्य देशों में डायवर्ट होंगे।
कोटा यूक्रेन-रूस युद्ध से लोगों के साथ प्रवासी पक्षियों पर भी वापसी का संकट आ गया है। क्योंकि, हर साल बड़ी तादाद में हजारों किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी पक्षी यहां आते हैं। लेकिन, वहां युद्ध की स्थिति में वापस नहीं जा पाएंगे। चारों तरफ का माहौल ही ऐसा है। इसमें उनका रहना संभव नहीं होगा। ऐसी स्थिति में ये प्रवासी पक्षी अन्य देशों में डायवर्ट होंगे। एक्सपर्ट का कहना है कि रूस-युक्रेन युद्ध का प्रवासी पक्षियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस समय तो उनका वापसी का समय चल रहा है। वहां के हालात खराब हैं। चारों और विस्फोट गोलीबारी है। इनसे निकलता धुंआ पर्यावरण के साथ पक्षियों को भी परेशानी होगी। ऐसी स्थिति में पक्षियों को स्थान बदलना पड़ सकता है। हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि एकाध दिन में युद्ध समाप्त हो जाए। फिर भी काफी दिनों तक युद्ध के परिणाम रहेंगे। ऐसी स्थिति में पक्षी वहां नहीं रह पाएंगे। साथ ही इन पक्षियों को धुंए के चलते रास्ता तलाशने में भी दिक्कत आएगी।
इन कारणों से होगी परेशानी
1. रेडिएशन: भारी विस्फोट से रेडिएशन का खतरा हो गया है। ये आसमान में फैला हुआ है। ऐसे वातावरण में पक्षियों का रहना असंभव है। उनको इससे नुकसान पहुंचने की आशंका है।
2. फाइटर प्लेन: यूक्रेन और रूस में लगातार फाइट प्लेन उड़ रहे हैं। इनसे पक्षियों के टकराने का खतरा है। क्योंकि, इनका गंतव्य भी यही है। ऐसे में उनके सामने ये दिक्कत होगी।
3. बम बारी: पक्षियों को शांत वातावरण पसंद रहता है। लगातार बमबारी से भारी मात्रा में ध्वनि निकल रही है। शोरगुल के चलते ये पक्षी वहां नहीं रह पाएंगे। स्थान बदल लेंगे।
4. भोजन पानी: रूस और यूक्रेन ने एक दूसरे पर मिसाइलें दागी है। साथ में बम भी गिराए हैं। इससे वहां काफी नुकसान हुआ है। स्वाभाविक है कि जलाशयों पर भी असर होगा।
इन पक्षियों को करना है प्रवास
एक्सपर्ट का कहना है कि हर साल नवंबर में यूक्रेन और रूस में बर्फ जम जाती है। जिसके चलते वहां से पक्षी भोजन और पानी के लिए प्रवास कर जाते हैं। हजारों किलोमीटर का सफर तय कर पक्षी कोटा आते हैं। इनमें ग्रेलैग गूज, कॉमन शेल्डक, रूडी शेल्डक, मलार्ड, नोर्दन पिनटेल, नोर्दन शोवलर, गागेर्नी, कॉमन पोचार्ड और रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड आदि शामिल हैं। इनको वापिस जाना है। क्योंकि, यहां गर्मी शुरू हो गई है। फिर से वहां की जलवायु में प्रवास पर रहना है। ऐसे में दिक्कत होगी।
इनका कहना है।
यूक्रेन और रूस में युद्ध का असर प्रवासी पक्षियों पर पड़ा है। वहां से काफी संख्या में पक्षी यहां आते हैं, लेकिन बमबारी, फाइटर प्लेन और रेडिएशन से वापसी के समय दिक्कत होगी।
- डॉ. कृष्णेन्द्र सिंह नामा, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट, कोटा
ये सही है कि वहां पक्षियों को खतरा है, लेकिन पक्षी संवेदनशील होते हंै। रास्ता डायवर्ट कर साइबेरिया चले जाएंगे।
- आरएस भंडारी, सहायक वन संरक्षक, मुकंदरा टाइगर रिजर्व, कोटा
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