केसरिया रंग में रंगा खाटू का दरबार
श्रद्धा का सैलाब: ना सफर की थकान और ना पैरों में छालों की परवाह
हाथ में निशान, मुख पर जय बाबा की, चाहत बाबा श्याम के दरबार में धोक लगाने और मनोकामना मांगने की। ना मीलों के सफर की थकान और ना ही पैरों में पड़े छालों की परवाह।
खाटूश्यामजी। हाथ में निशान, मुख पर जय बाबा की, चाहत बाबा श्याम के दरबार में धोक लगाने और मनोकामना मांगने की। ना मीलों के सफर की थकान और ना ही पैरों में पड़े छालों की परवाह। हर कोई आस्था की डोर के सहारे खाटू दरबार की ओर खिंचा चला आ रहा है। केसरिया रंग में रंगे बाबा के इन भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। ऐसे नजारे बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेले के दौरान खाटूधाम की ओर जाने वाले हर रास्ते में पग-पग पर नजर आ रहे हैं। मेले के पांचवें दिन गुरुवार को एक लाख श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के दरबार में मत्था टेककर परिवार की खुशहाली की कामना की। मेले के पांचवें दिन भी हारे के सहारे का अलौकिक शृंगार किया। श्याम भक्तों ने बाबा श्याम के दर पर प्रसाद चढ़ाकर धोक लगायी। रींगस रोड पर पदयात्रियों के जत्थों की रेलमपेल लगी हुई है। स्वयसेवी संस्थाओं की ओर से लगाए भण्डारों में भक्तों को भोजन की मनुहार की जा रही है।
बाबा की मोरछड़ी में है जादू
बाबा श्याम के लक्खी मेले में लाखों की तादाद में श्याम भक्त खाटूनगरी में पहुंचते हैं। बाबा श्याम के दरबार में श्रद्धालु शीश नवाकर मनौतयां मांगते हैं। बाबा श्याम के दरबार में मोरछड़ी का भी बहुत महत्व है। बाबा के दर पर मोरछड़ी के झाड़े से ना केवल दु:ख दूर होते हैं, वहीे मनोकामना भी पूरी होती है। कहते हैं कि झुक गए बड़े बड़े सरकार तेरी मोरछड़ी के आगे....।
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