रीट की वैधता अब आजीवन
पीएचईडी को देने सहित कई निर्णय लिए हैं
राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-ए में संशोधन, रीट परीक्षा की वैधता अब आजीवन रखने, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की भर्ती प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किए जाने, आठ शहरों की पेयजल योजनाओं को फिर से पीएचईडी को देने सहित कई निर्णय लिए हैं।
जयपुर। राज्य मंत्रिमंडल ने राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम की धारा 90-ए में संशोधन, रीट परीक्षा की वैधता अब आजीवन रखने, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की भर्ती प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किए जाने, आठ शहरों की पेयजल योजनाओं को फिर से पीएचईडी को देने सहित कई निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भू-राजस्व अधिनियम की धारा-90-ए में संशोधन करते हुए कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों की कट ऑफ डेट को 31 दिसम्बर 2021 किए जाने को मंजूरी दी गई, लेकिन गृह निर्माण सहकारी समितियों की ओर से 16 जून 1999 के पश्चात जारी पट्टे या भूमि आवंटन से संबंधित प्रकरणों पर यह उप धारा लागू नहीं होगी। यह भी निर्णय लिया गया कि भविष्य में शहरों के सुनियोजित विकास के लिए कृषि भूमि के अकृषि में अनाधिकृत उपयोग को रोकने के लिए एक पृथक से समिति गठित की जाएगी। यह समिति शहरीकरण के साथ ही सुनियोजित विकास में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों के निराकरण के लिए भी सुझाव देगी।
निकाय हो गए थे फेल, अब पीएचईडी को जिम्मा
प्रदेश के 8 शहरों जैसलमेर, बूंदी, नागौर, करौली, नाथद्वारा, चौमूं एवं नोखा की पेयजल योजनाओं को संचालन करने में निकाय पूरी तरह से फेल हो गई थी, ऐसे में अब कैबिनेट ने फिर से इन शहरों में पेयजल योजनाओं का जिम्मा जलदाय विभाग को हस्तातंरित करने की मंजूरी दी गई। इससे इन शहरों की पेयजल व्यवस्था भविष्य में मूल विभाग द्वारा सुचारू रूप से संचालित एवं संधारित की जा सकेगी और पेयजल वितरण व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हो सकेंगे।
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