रिश्वत में अस्मत मांगने के आरोपी पूर्व RPS कैलाश बोहरा को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
राजस्थान हाइकोर्ट ने रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी पूर्व आरपीएस कैलाश बोहरा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश आरोपी बोहरा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
जयपुर। राजस्थान हाइकोर्ट ने रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी पूर्व आरपीएस कैलाश बोहरा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश आरोपी बोहरा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में कहा गया था कि प्रार्थी आरपीएस के पास परिवादी महिला का कोई काम लंबित नहीं था। परिवादी महिला आपराधिक छवि की महिला है, जिसने गत जुलाई माह में अपने होने वाले पति के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था, जिसमें प्रार्थी की सिफारिश पर पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया था। ऐसे में प्रार्थी पर यह आरोप लगाना गलत है कि उसने परिवादी महिला से रिश्वत की मांग की।
याचिका में बताया गया कि गत 14 मार्च को परिवादी महिला ने प्रार्थी को आधा दर्जन मिस कॉल किए थे। इस पर प्रार्थी की ओर से इसका कारण पूछने पर महिला ने मुकदमे के संबंध में मिलकर कुछ दस्तावेज देने की बात कही, लेकिन एसीबी अधिकारियों से मिलीभगत कर प्रार्थी को फंसाया गया। इसके अलावा प्रार्थी का कमरे से सड़क पर देखने के लिए कांच का बहुत बड़ा पारदर्शी शीशा लगा हुआ है, जिसके चलते कमरे में होने वाली घटना को बाहर से देखा जा सकता है। इसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
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