सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को अंतरिम राहत देने से किया इनकार
अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है
सुप्रीम कोर्ट ने रीट लेवल वन में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने को लेकर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद तय करते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल वन के पदों पर दी जाने वाली नियुक्तियों को एसएलपी के निर्णयाधीन रखा है।
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने रीट लेवल वन में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने को लेकर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद तय करते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल वन के पदों पर दी जाने वाली नियुक्तियों को एसएलपी के निर्णयाधीन रखा है। कोर्ट ने यह आदेश बीएड अभ्यर्थी देवेश शर्मा और एनसीटीई की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। मामले के अनुसार एनसीटीई ने अधिसूचना जारी कर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल वन में बीएड अभ्यर्थियों को इस शर्त पर पात्र माना था कि संबंधित अभ्यर्थी को नियुक्ति के दो साल में छह माह का ब्रिज कोर्स पास करना जरूरी होगा। हाईकोर्ट ने इस अधिसूचना को निरस्त कर दिया था।
इस आदेश के खिलाफ बीएड अभ्यर्थी और एनसीटीई ने एसएलपी दायर की थी, जिसका विरोध करते हुए बीएड अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि एनसीटीई ने अधिसूचना को केन्द्र सरकार के निर्देश पर जारी किया था, जबकि केन्द्र सरकार को आरटीई एक्ट व एनसीटीई एक्ट के तहत इस तरह का निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है। इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करते हुए दी जाने वाली नियुक्तियों को एसएलपी के अधीन करते हुए मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की है।
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