होली खेलूंगी श्याम संग, गोविंद माखण्यिो राधाजी ने रिझावणियो...
शेखावाटी के आधा दर्जन कलाकारों ने ढप और चंग की थाप पर मचाई धमाल
गोविंददेवजी मंदिर के बाहर होलिका दहन रात्रि 9:05 बजे भद्रा पुच्छ में होगा।
जयपुर। आराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर में पुष्प फाग का जोरदार रंग चढ़ रहा है। पिछले दो साल से कोविड के कारण श्रद्धालु इस रंग में रंगने से वंचित रहे, लेकिन अब रंगों का पर्व होली का उल्लास मंगलवार को भक्तों के दिलों दिमाग में छा गया है। मंदिर परिसर के सत्संग भवन में मंगलवार को पुष्प फाग हो या मंदिर के गर्भगृह में सजी रचना झांकी। हर तरफ श्रद्धालु होली की मस्ती व उल्लास में डूबे नजर आए।
कोलकाता से आए बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने लगातार दूसरे दिन राधा-कृष्ण की लीला से जुड़े पदों का गायन कर वृंदावन का सा माहौल बना दिया। उन्होंने तेरी बंसी पर जाऊ बलिहार रसिया, होली खेलूंगी श्याम संग आज, गोविंद माखण्यिो राधाजी ने रिझावणियो... जैसे मधुर भजन सुननाए। शेखावाटी के आधा दर्जन कलाकारों ने ढप और चंग की थाप पर ऐसी धमाल गाई कि श्रद्धालु खड़े होकर नृत्य करने लगे। युवतियों और बच्चियों ने कृष्ण-राधा और गोपियों के स्वरूप बनकर मनोरम प्रस्तुतियां दी। होली पद भजनामृत वर्षा अनुष्ठान में बुधवार दोपहर एक से शाम को चार बजे तक कोलकाता के पं. मालीराम शर्मा भजनों की प्रस्तुतियां देंगे।
भद्रा पुच्छ में होगा होलिका दहन
आर्ष दिग्दर्शक संस्था की ओर से गोविंददेवजी मंदिर के बाहर होलिका दहन रात्रि 9:05 बजे भद्रा पुच्छ में होगा। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए होली में लकड़ियों के बजाय गौकाष्ठ का उपयोग किया जाएगा। होलिका दहन से पूर्व ढप और चंग पर धमाल होगी। विभिन्न मंदिरों के संत-महंतों के सान्निध्य में प्रहलाद का पूजन होगा और फिर होलिका दहन होगा।
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