भावनाओं को प्रकट करने का सशक्त माध्यम होली

वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को जन्म देता है।

भावनाओं को प्रकट करने का सशक्त माध्यम होली

त्योहार ना केवल हमारी निष्ठा, संस्कृति और सामाजिक समरसता को बल देते हैं अपितु हमें निरंतर ऊजार्वान और प्रगतिशील रहने का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

ऐसे में रंगों का ये त्योहार अपने आप में खास हो जाता है। इस दौरान सामाजिक मेल-मिलाप,पुरानी वैमनस्यता को छोड़कर पुन: संबंध स्थापित करना,विभिन्न रंगों के जरिये अपनी भावनाओं का इजहार,ना केवल हमें एक सूत्र में बांधता है बल्कि हमारे मानसिक तनाव को भी काफी हद तक दूर करने में सहायक होता है।


साथ ही साथ मिलकर नाचना-गाना और खुशियां मनाना हमें हमारे सामाजिक सरोकार से भी जोड़ता है और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को जन्म देता है। वैसे भी इस तरह का मनोरंजन हमारी चिंताओं को दूर रखने का एक सशक्त माध्यम होता है।ऐसे में सकारात्मक भाव हमारे सम्बन्धों में प्रगाढ़ता लाते हैं,साथ ही साथ हमारी प्रोफेशनल लाइफ में भी तरक्की का जरिया बनते हैं। जिससे हममें स्वयं के प्रति एक आत्मविश्वास और आत्मसम्मान का भाव पैदा होता है । हमारा अन्य सभी  के प्रति दर्शाया गया लगाव और जरूरतमंद को दी गयी सहायता, हममें एक करुणाभाव और संवेदनशील होने का एहसास जगाती है। होली को हम पूरे उमंग उत्साह से मनाएं किन्तु साथ ही ध्यान रखें कि हमारा व्यवहार मर्यादित एवम संयमित हो। कई बार कुछ लोगों को रंगों से  त्वचा या श्वसन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि हम अनावश्यक रूप से उन पर रंगों से खेलने का दवाब ना बनायें।


 चूँकि यह एक मौज मस्ती का समय होता है जिसको लेकर बच्चे भी अति उत्साहित रहते हैं । ऐसे में इस बात का  भी ध्यान रखना चाहिये कि खेल-खेल में वे एक दूसरे को किसी प्रकार की हानि ना पहुंचा दें। इस बात का भी संज्ञान लें कि अभी कोविड महामारी पूरी तरह गयी नहीं है अत: स्वयं एवम अन्य का इस संदर्भ में ध्यान रखें।

भागदौड़ भरी जिन्दगी,जिम्मेदारियों और काम का दवाब,इन सब के बीच त्योहारों का आना एक तरह से अपने आपको रिलैक्स करने,अपने पारिवारिक एवं सामाजिक ताने-बाने को सुदृढ़ करने और आने वाले समय में ज्यादा ऊर्जा और सकारात्मकता को समावेशित करते हुए पुन: काम पर जुट जाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है।

त्योहार ना केवल हमारी निष्ठा, संस्कृति और सामाजिक समरसता को बल देते हैं अपितु हमें निरंतर ऊजार्वान और प्रगतिशील रहने का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। होली,ऐसे ही त्योहारों में से एक त्योहार है जिसका स्मरण ही मन में उमंग,उत्साह और मैत्री की भावना जागृत करने लगता है। एक ऐसा त्योहार जिसमें निष्ठा है, संस्कृति है और साथ ही साथ मस्ती,उमंग और अठखेलियाँ करने का भरपूर मौका। उस पर रंगों का इस्तेमाल इस उत्सव को एक अलग ही प्रकार की पहचान प्रदान करता है जिसका इंतजार बच्चे,जवान और बुजुर्ग सभी बेसब्री से करते हैं । रंगों का हमारे मूड,एहसास एवं इमोशन्स से जुड़ाव इस अवसर पर हमें अलग-अलग रंगों द्वारा अपनी भावनाएं प्रकट करने का मौका देता है। जहां एक और चटक रंग,ऊर्जा,उत्साह और आनंद को परिभाषित करते महसूस होते हैं तो वहीं हल्के रंग सौम्यता,शालीनता और कोमलता का एहसास दिलाते हैं।

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