प्रथम पूज्य के मंदिरों में हुआ फागोत्सव: मोतीडूंगरी गणेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी हुए आयोजन

सतरंगी गुलाल और पुष्पों भक्तों ने जमकर होली खेली।

प्रथम पूज्य के मंदिरों में हुआ फागोत्सव: मोतीडूंगरी गणेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी हुए आयोजन

भगवान ने जयपुरी साफा और अंगरखा धारण किया।

जयपुर। शहर के सभी मंदिरों में बुधवार को सतरंगी गुलाल और पुष्पों भक्तों ने जमकर होली खेली। मोती डूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सानिध्य में शाम पांच बजे फागोत्सव संध्या की शुरुआत हुई। महंत ने बताया कि गुलाल और गुलाल गोटों से भक्तों ने होली खेली। भगवान ने जयपुरी साफा और अंगरखा धारण किया। शाम को सोहन लाल के सानिध्य में ढप, चंग कार्यक्रम हुआ। नहर के गणेशजी मंदिर में भगवान की नयनाभिराम फागुणियां झांकी सजाकर दोपहर 1 से रात्रि 11 बजे तक मंदिर महंत पं.जय शर्मा के सानिध्य में हुए ढप चंग पिचकारी विभिन्न प्रकार की गुलाल से फागुणियां झांकी सजाई गई। पद्मश्री गुलाबो सपेरा पार्टी ने भजनों पर नृत्य किया।  


चांदपोल बाजार स्थित ठिकाना मंदिर रामचन्द्रजी में महंत राधेश्याम तिवाड़ी के सानिध्य में ठाकुरजी ने सखी रूप धारण कर सीताजी की सखियों को रिझाया। अनेक फाग के पदों का गायन हुआ और फूल, गुलालों से होली खेली गई। भगवान का मनमोहक शृंगार आकर्षण का केन्द्र रहा।  


चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेश मंदिर में फागोत्सव पर युवाचार्य पं.अमित शर्मा महंत परिवार के सानिध्य में भगवान की विशेष पूजा अर्चना कर फाल्गुनी पोशाक धारण कर सतरंगी गुलाल और पुष्पों से शृंगार किया। महिला मंडल ने एक ही गणवेश में फागोत्सव में भाग लिया, फूलों की होली खेली और एक-दूसरे को गुलाल लगाई। फाल्गुनी भजनों का रस कलाकार बरसाते रहे। भगवान का पंचामृत अभिषेक कर फूल बंगला झांकी सजाई। भजन गायकों ने गणेश वंदना के साथ भजन सुनाए। श्रद्धालुओं ने पुष्प और इत्र वर्षा, गुलाल गोटे के साथ भगवान के साथ होली खेली। 

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