पंजाब में मान
मंत्रियों को शामिल किया गया है
होली दहन के एक दिन पहले 16 मार्च को पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के बाद शनिवार को अपने मंत्रिमण्डल का गठन भी कर लिया।
होली दहन के एक दिन पहले 16 मार्च को पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के बाद अपने मंत्रिमण्डल का गठन भी कर लिया। मंत्रिमण्डल में दस मंत्रियों को शामिल किया गया है। मान ने शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले भाषण में जनता को सभी चुनावी वादों को पूरा करने का भरोसा दिलाया। आम आदमी पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कई बड़े-बड़े वादे कर रखे हैं। हालांकि यह सब जानते हैं कि इन वादों के मोर्चे पर एक साथ काम करना किसी भी सरकार के लिए आसानी नहीं, क्योंकि समृद्ध राज्य की हालत अभी बदहाल है। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, नशाखोरी से निजात दिलाना और किसानों की समस्याओं का हल निकालने में वक्त लग सकता है। मान मंत्रिमण्डल की पहली बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य में 25 हजार सरकारी नियुक्तियां दी जाएंगी। लेकिन बेरोजगारी के मोर्चे पर यह एक छोटा सा ही कदम है। लेकिन पंजाब की जनता ने इस बार आप पर पूरा भरोसा जताया है और पार्टी को छप्पर फाड़ जनादेश दिया है। इससे जाहिर होता है कि लोगों की अपेक्षाएं काफी हैं।
माना कि मान सरकार के लिए चुनौतियां तो जरूर है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि जनता की अपेक्षाएं पूरी कर पाना असंभव है। सरकार चाहे घोषित सारे वादे पूरे न कर पाएं, लेकिन कुछ वादे भी अगर पूरे होते हैं तो काफी होगा। पंजाब की जनता लंबे समय से राजनीतिक दलों के छल का शिकार होती रही हैं। पूर्ववर्ती सरकारें जनता के हितों की उपेक्षाएं करती रही तभी जनता ने बड़े बदलाव का फैसला लिया। दिल्ली से बाहर आम आदमी पार्टी की पहली सरकार से अब उम्मीद की जा रही है कि जैसे केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को बदलाव की राह दिखाई, पंजाब भी उसी लीक पर चलेगा। केजरीवाल की तरह ही मान पंजाब में काम करके दिखाएंगे। अनेकानेक चुनौतियों के साथ मान के लिए बड़ी चुनौती यह भी है कि दो बार सांसद बनने के बावजूद मान के पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। दिल्ली के मुकाबले बड़े व राजनीतिक रूप से बेहद जागरूक माने जाने वाले पंजाब के लोगों को केवल स्कूल-कॉलेजों व अस्पतालों के सुधार मात्र से संतुष्ट नहीं किया जा सकता। राज्य के सामने भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है। एक सर्वे में राज्य को देश के भ्रष्ट राज्यों में छठे स्थान पर रखा गया है। इस पर अंकुश बड़ी चुनौती है। फिर नशे का कारोबार व्यापक है। खेती किसानी के राज्य में किसानों की समस्याओं का अंबार लगा है। अब देखना है कि मान किस तरह और किस हद तक चुनौतियों का सामना कर पाता है।
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