रिचार्ज से अधिक दोहन, पाताल में पहुंचा पानी
सांगोद ब्लॉक की खराब स्थिति, 16.6 मीटर गहराई में पहुंचा जलस्तर, भूजल विभाग की रिपोर्ट में खुलासा
कोटा जिले में लगातार गिरते जलस्तर के चलते भविष्य में पीने के लिए जल नहीं होगा। भू जल विभाग की रिपोर्ट में लगातार कोटा जिले का जलस्तर गिर रहा है। सबसे खराब स्थिति सांगोद ब्लॉक की है। वर्ष 2021 की रिपोर्ट में मानसून पूर्व का जल स्तर 16.6 मीटर है। यानि ब्लॉक का औसत 50 से 55 फीट है।
कोटा । पानी बचाने के लिए एक नारा है ‘जल है तो कल है’। लेकिन, कोटा जिले में इस नारे के विपरीत स्थिति होती जा रही है। लगातार गिरते जलस्तर के चलते भविष्य में पीने के लिए जल नहीं होगा। भू जल विभाग की रिपोर्ट में लगातार कोटा जिले का जलस्तर गिर रहा है। सबसे खराब स्थिति सांगोद ब्लॉक की है। वर्ष 2021 की रिपोर्ट में मानसून पूर्व का जल स्तर 16.6 मीटर है। यानिकि, ब्लॉक का औसत 50 से 55 फीट है। जबकि, 2020 में ये 13.6 मीटर पर था। हालांकि, कुछ जगहों पर और असमानता है। वहां 150 से 200 मीटर तक जमीन में पानी नही है। फिर भी ओवर आॅल ये ग्राफ भी अच्छा नहीं है। इसके साथ ही लाड़पुरा ब्लॉक की भी स्थिति अच्छी नहीं है। यहां भी प्री मानसून के दौरान वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में 12.4 मीटर से बढ़कर 15.3 मीटर पहुंच गया है। सबसे अच्छी सुल्तानपुर की है। यहां प्री मानसून में जल स्तर 11.4 मीटर रहता है। मानसून के उपरांत तो से 7.2 मीटर पर पहुंच जाता है। यहां अच्छा जलस्तर होने की वजह कमांड एरिया अधिक होना बताया जा रहा है। जिसके चलते पानी का स्तर अच्छा है। इटावा में कमांड एरिया होने के बावजूद विकट स्थिति है। पानी के जलस्तर की खराब स्थिति को देखकर सभी चिंतित है।
जल स्तर गिरने के तीन कारण
1. बारिश की प्रवृत्ति: कोटा जिले में बारिश की प्रवृत्ति बदल रही है। कभी तो तेज बारिश हो जाती है तो कभी बारिश नहीं होती है। इस बार अच्छी बारिश हुई थी। इससे पूर्व नाम मात्र बारिश थी।
2. फसलों की अधिक बुवाई: यहां की चावल और धान प्रमुख फसल है। कमांड एरिया में तो फिर भी पूर्ति हो जाती है, लेकिन जहां नहरे नहीं है। वहां जमीन से पानी निकालकर सिंचित करना होता है।
3. प्रदूषण: पिछले कुछ सालों में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते जल स्त्रोत रिचार्ज नहीं हो रहे हैं। अधिकांश तो बारिश में भी रिचार्ज नहीं होते हैं। ऐसे में भू गर्भ रिचार्ज नहीं हो पा रहा है।
196 कुंए पर सर्वे
भू गर्भ जल विभाग ने कोटा जिले के 196 कुएं पर सर्वे किया था। इसमें सर्वाधिक कुएं सांगोद में 70 थे। जबकि, सुल्तानपुर में 30 कुंओं पर सर्वे किया था। विभाग के कार्मिकों ने बारिश के पूर्व और बाद में इसकी मॉनिटरिंग की थी। इसके बाद रिपोर्ट दी है। विभाग के अनुसार कोटा में कुल 67 हजार 650 मिलियन क्यूबेक मीटर(एमसीक्यूएम) पानी का उपभोग होता है। इसमें सर्वाधिक उपभोग सिंचाई में 60 हजार मिलियन होता है। इसके बाद पीने और घरेलू कार्यों में 7650 मिलियन क्यूबिक मीटर का होता है।
कहां कितने कुओं पर सर्वे
कुल- 196
इटावा- 31
लाडपुरा- 38
खैराबाद- 37
सांगोद - 70
सुल्तानपुर- 30
पानी के उपभोग की स्थिति (एमसीक्यूएम में)
67 हजार 650 कुल उपभोग
61 हजार बारिश में हो रहा रिचार्ज
6 हजार की हो रही कमी
60 हजार सिंचाई में खपत
7650 पीने और घरेलू उपयोग में
पिछले दो सालों की स्थिति
वर्ष 2020
ब्लॉक प्री मानसून पोस्ट मानसून
इटावा 13.2 12.6
खैराबाद 11.5 13.4
लाडपुरा 12.4 9.3
सांगोद 10.9 13.6
सुलतानपुर 6.3 6.6
वर्ष 2021
ब्लॉक प्री मानसून पोस्ट मानसून
इटावा 13.8 10.3
खैराबाद 12.4 3.4
लाडपुरा 15.3 4.0
सांगोद 16.6 7.6
सुल्तानपुर 11.4 7.2
इनका कहना है
भूगर्भ जल विभाग ने कोटा जिले में 196 कुओं पर सर्वे किया था, जिसमें सांगोद की खराब स्थिति है। इसके बाद खैराबाद है। ओवरआॅल कोटा में रिचार्ज से अधिक पानी का उपभोग हो रहा है। इस पर विभाग कार्य कर रहा है। जल्द अच्छे परिणाम आएंगे।
- डॉ. प्रवाल अथइयां, वरिष्ठ भूजल वैज्ञानिक, भूजल विभाग, कोटा
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