10 साल बाद भी नहीं खुली उपभोक्ता सर्किट बेंच, मंत्री बोले पूर्ववर्ती सरकार पांच साल क्या भजन कीर्तन कर रही थी?
विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने अजमेर एवं भरतपुर संभाग में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की सर्किट बेंच के बजट घोषणा के 10 साल बाद भी नहीं खुलने पर सरकार से घेरने की कोशिश की।
सवाल के जवाब में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार क्या 5 साल भजन कीर्तन कर रही थी? सर्किट बेंच के लिए भूमि आवंटन क्यों नहीं किया?
जयपुर। विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने अजमेर एवं भरतपुर संभाग में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की सर्किट बेंच के बजट घोषणा के 10 साल बाद भी नहीं खुलने पर सरकार से घेरने की कोशिश की। सवाल के जवाब में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार क्या 5 साल भजन कीर्तन कर रही थी? सर्किट बेंच के लिए भूमि आवंटन क्यों नहीं किया?
भाजपा विधायक अनिता भदेल ने यह मामला उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल वर्ष 2008 से 2013 के दौरान अजमेर एवं भरतपुर संभाग मुख्यालय पर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की सर्किट बेंच स्थापित करने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक इन बैंचों की स्थापना नहीं हो सकी है। इससे उपभोक्ता मामलों के निस्तारण को लेकर स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही भदेल ने सरकार ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष के 50% पदों का वकील कोटे से बढ़ने की मंशा भी जानना चाही। जवाब में खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री की वर्ष 2012-13 की बजट घोषणा में सर्किट बेंच स्थापित करने की घोषणा की गई थी। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से 18 मई 2012 से सर्किट बेंच जोधपुर, कोटा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर एवं भरतपुर की अधिसूचना जारी की गई है। वर्तमान में सर्किट बेंच जोधपुर, कोटा, बीकानेर एवं उदयपुर क्रियाशील है। भूमि एवं भवन की उपलब्धता के अभाव में अजमेर एवं भरतपुर में सर्किट बेंच क्रियाशील नही है। इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, अजमेर में वर्ष 2015 तक के मामले अभी तक लम्बित रहने के लिए राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग से प्राप्त सूचना अनुसार अभिभाषकगण की ओर से बहस के लिए बार बार अवसर चाहना, विभिन्न अवधि में अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, अजमेर का पद रिक्त होने से अतिरिक्त कार्यभार अन्य आयोगों के अध्यक्षों के पास होना, विगत 02 वर्षो में कोरोना महामारी से नियमित सुनवाई ना होना आदि कारण बताए गए है। उपभोक्ता संरक्षण (राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिये अर्हता, भर्ती की पद्धति, नियुक्ति की प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्यागपत्र और हटाना) नियम, 2020 के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। खाटूवास ने कहा कि भैंस स्थापित करने के लिए जिला संबंधित जिला कलेक्टर को भूमि आवंटन को लेकर निर्देश प्रदान कर दिए गए हैं। अजमेर और भरतपुर में जल्दी ही उपभोक्ता सर्किट बेंच की स्थापना कर दी जाएगी।
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