सफेद हाथी बनकर रह गया है रोजगार कार्यालय

कोविड यह कारण 2 साल से नहीं लगे मेले, आॅनलाइन की पेचेदगी बेरोजगारों पर पड़ रही भारी

सफेद हाथी बनकर रह गया है रोजगार कार्यालय

जिला रोजगार कार्यालय अपने नाम के अनुरूप युवाओं को रोजगार दिलाने में बहुत सार्थक साबित नहीं हो रहा है। बेरोजगारी दूर करने और युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलाने में भी इसकी भूमिका कमजोर साबित हो रही है। रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आयोजित किए जा रहे रोजगार मेला भी बहुत कारगर साबित नहीं हो रहे। बीते 2 साल से कोरोना संक्रमण के चलते रोजगार मेलों के आयोजन ही नहीं हुए जिससे बेरोजगारों को नौकरियां नही मिली।

कोटा। जिला रोजगार कार्यालय अपने नाम के अनुरूप युवाओं को रोजगार दिलाने में बहुत सार्थक साबित नहीं हो रहा है। बेरोजगारी दूर करने और युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलाने में भी इसकी भूमिका कमजोर साबित हो रही है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आयोजित किए जा रहे रोजगार मेला भी बहुत कारगर साबित नहीं हो रहे। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 2 साल से कोरोना संक्रमण के चलते रोजगार मेलों के आयोजन ही नहीं हुए जिससे बेरोजगारों को नौकरियां नही मिली। लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार चले गए कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किए लेकिन आॅनलाइन की पेचेदगी बेरोजगारों पर भारी पड़ी वर्तमान में करीबन जिले में 25,000 से अधिक शिक्षित बेरोजगार आॅनलाइन पंजीकृत है वह बेरोजगारी भत्ता उठा रहे हैं। अभी हाल ही में कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सौजन्य से कौशल विकास रोजगार मेले का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में बेरोजगारों ने आवेदन किए लेकिन रोजगार के अवसर गिने-चुने लोगों को ही मिल पाए । कार्यालय की ओर से कोरोना संक्रमण के बाद से ही रोजगार मेलों के आयोजन बंद पड़े हैं जिसके चलते बेरोजगारों को नौकरियों में अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।

जिले में औसतन हर वर्ष करीब 20 हजार युवा पढ़ लिख कर नौकरी के काबिल होते हैं जिनमें से कई युवा रोजगार कि सिलसिले में अपना पंजीयन जिला रोजगार कार्यालय में कराते हैं। लेकिन यहां पंजीयन कराने के बाद भी उन्हें आशानुरूप रोजगार नहीं मिल पाता। इन्हें रोजगार दिलाने के लिए इसलिए 2 साल से रोजगार मेलों का आयोजन नहीं किया जा रहा है जिससे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं । वर्तमान में रोजगार कार्यालय युवाओं के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा है।1 यहां आॅनलाइन पंजीयन के अलावा युवाओं को कुछ भी नहीं मिल रहा है। जिले में रोजगार मेले लगे तो युवाओं को निजी क्षेत्र की कंपनियों में रोजगार के आॅन स्पॉट अवसर मिल सके।

5 साल मैं एक को भी नहीं मिली सरकारी नौकरी
जिला रोजगार कार्यालय के माध्यम से 5  साल में एक भी युवा को सरकारी नौकरी मिलने का कोई भी रिकार्ड या डाटा रोजगार कार्यालय के पास अब नहीं है। बताया गया है कि नए सॉफ्टवेयर में नए सिरे से इसकी फीडिंग की जा रही है जो जिला स्तर पर नहीं की जाती। हालांकि शासन के निदेर्शानुसार शासकीय नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए जिला रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराना अनिवार्य है।

निजी क्षेत्र में नौकरी के लिए रोजगार मेला एक बड़ा माध्यम
यद्यपि रोजगार मेला के माध्यम से काफी कम संख्या में युवाओं को रोजगार मिला है पर यह मेला अभी भी नौकरी के लिए एक बड़े माध्यम के रूप में सामने आया है। रोजगार मेला को लेकर युवाओं में जागरुकता आने से वे इन मेलों में पहुंच रहे हैं जहां उनकी शैक्षणिक एवं व्यावसायिक योग्यता के आधार पर उनका चयन किया जाता है।


आॅनलाइन से रोजगार के अवसर दे रहे जानकारी
कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 साल से रोजगार मेलों के आयोजन नहीं हो सके विभाग की ओर युवाओं को आॅनलाइन के माध्यम से विभिन्न कंपनियों में रोजगार के अवसरों की जानकारी दी जा रही हैं। इसके अलावा विभाग की ओर से युवाओं को सरकारी कार्यालयों में प्रशिक्षण भी दिलवाया जा रहा है।
- राजकुमार मीणा उप निदेशक , रोजगार कार्यालय कोटा

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