89 साल के श्रीचंद और दुर्रानी को अब मिलेगी पेंशन

खिलाड़ियों को पेंशन की घोषणा: 50 से 60 खिलाड़ियों को तात्कालिक लाभ, भविष्य के लिए बड़ा प्रोत्साहन

89 साल के श्रीचंद और दुर्रानी को अब मिलेगी पेंशन

पेंशन का लाभ लेने वाले एथलीट कैप्टन श्रीचन्द और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर सलीम दुर्रानी सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी होंगे।

 जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रदेश के ओलंपिक, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के पदक विजेताओं और अर्जुन व द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं के लिए पेंशन की घोषणा से भले ही करीब 50 से 60 खिलाड़ियों को ही तात्कालिक लाभ पहुंचे लेकिन यह ऐतिहासिक घोषणा भविष्य में प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन का काम करेगी। पेंशन का लाभ लेने वाले एथलीट कैप्टन श्रीचन्द और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर सलीम दुर्रानी सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी होंगे। प्रदेश के 50 खिलाड़ियों को अब तक अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है, जबकि सात प्रशिक्षकों को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के पदक विजेता अधिकांश खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार विजेता की श्रेणी में शामिल हैं, वहीं कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनकी उम्र अभी 40 से कम है और वे तत्काल पेंशन पाने के पात्र नहीं हैं। ऐसे में फिलहाल करीब 50-60 खिलाड़ियों को ही पेंशन का लाभ मिल सकेगा।

कैप्टन श्रीचंद और सलीम दुर्रानी सबसे बुजुर्ग
1951 के दिल्ली एशियाई खेलों में हिस्सा लेने वाले कैप्टन श्रीचंद और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर सलीम दुर्रानी पेंशन का लाभ उठाने वाले प्रदेश के सबसे बुजुर्ग खिलाड़ी होंगे। 1934 में जन्मे बीकानेर के श्रीचंद ने 1956 के मेलबोर्न ओलंपिक में भी देश का प्रतिनिधित्व किया और वे राजस्थान के पहले ओलंपियन बने। वहीं श्रीचंद के बराबर 89 वर्ष के हो चुके सलीम दुर्रानी ने भारत के लिए 29 टेस्ट मैच खेले। दुर्रानी साठ और सत्तर के दशक में राजस्थान की ओर से रणजी ट्रॉफी में खेले।

    छह द्रोणाचार्य होंगे लाभांवित
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता राजस्थान के श्यामसुन्दर राव, अनूप कुमार, महा सिंह, आरडी सिंह, वीरेन्द्र पूनिया और सागरमल धायल को पेंशन का लाभ मिलेगा।  


    सबसे ज्यादा पदक विजेता एथलेटिक्स के
पदक विजेताओं में सबसे ज्यादा 12 खिलाड़ी एथलेटिक्स के हैं, जिन्हें पेंशन का लाभ मिलेगा। इसके बाद सात-सात खिलाड़ी निशानेबाजी और नौकायन के हैं। घुड़सवारी और कबड्डी में छह-छह खिलाड़ियों ने पदक जीते हैं।


    मगन सिंह अकेले फुटबालर
पूर्व भारतीय कप्तान मगन सिंह राजवी अकेले  फुटबालर हैं, जिन्हें पेंशन मिलेगी, वहीं वालीबॉल में भी कीर्तेश कुमार अकेले पदक विजेता हैं। महिला हॉकी में 1982 दिल्ली एशियाई खेलों की पदक विजेता वर्षा सोनी और गंगोत्री भण्डारी पेंशन की हकदार होंगी।

पहले भी हो चुकी है घोषणा
प्रदेश में खिलाड़ियों को पेंशन देने की घोषणा पूर्व भाजपा सरकार की ओर से 2017-18 के बजट में भी की गई थी लेकिन तब यह घोषणा नियमों में उलझकर रह गई। खेल विभाग और खेल परिषद ने ऐसे सख्त नियम बनाए कि किसी खिलाड़ी को इसका लाभ नहीं मिल सका। लेकिन राजस्थान खेल परिषद के मुख्य खेल अधिकारी वीरेन्द्र पूनिया का कहना है कि इस बार सभी नियम स्पष्ट हैं। स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेता को समान रूप से 20 हजार रुपए पेंशन मिलेगी, वहीं किसी खिलाड़ी ओर यदि किसी अन्य स्रोत से पेंशन लाभ मिल रहा है तो उसका भी इस पर कोई असर नहीं होगा।

खेल विकास को नई ऊर्जा मिलेगी
खिलाड़ियों को पेंशन की घोषणा खेलमंत्री अशोक गहलोत का ऐतिहासिक फेसला है। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां पदक विजेताओं को पेंशन मिलेगी। इससे राजस्थान के खेल विकास को एक नई ऊर्जा मिलेगी।

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