पति ने देश सेवा में प्राण न्यौछावर किए, अब चीजों को यादों के रूप में पास रखते हैं
लद्दाख में ड्यूटी के दौरान दुश्मन से लोहा लेकर मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्यौछावर करने वाले नायब सूबेदार (एआईजी) मनदीप सिंह और नायब सूबेदार (डीएमटी) सतनाम सिंह को मरणोपरांत सेना मैडल दिया गया।
गैलेण्ट्री अवार्ड समारोह जयपुर मिलिट्री स्टेशन के 61 केवेलरी ग्राउण्ड पर शनिवार को हुआ।
जयपुर। लद्दाख में ड्यूटी के दौरान दुश्मन से लोहा लेकर मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्यौछावर करने वाले नायब सूबेदार (एआईजी) मनदीप सिंह और नायब सूबेदार (डीएमटी) सतनाम सिंह को मरणोपरांत सेना मैडल दिया गया। गैलेण्ट्री अवार्ड समारोह जयपुर मिलिट्री स्टेशन के 61 केवेलरी ग्राउण्ड पर शनिवार को हुआ।
मिठाई के थे शौकीन मनदीप
नायब सूबेदार मनदीप सिंह की धर्मपत्नी गुरदीप कौर ने बताया कि देश सेवा का जज्बा उनमें जबरदस्त था। फैमिली के बारे में कम और फौज के बारे में ज्यादा सोचते थे। एक बेटी है जो 12वीं कक्षा में है। अभी बोर्ड एग्जाम की तैयारी कर रही और बेटा 7वीं कक्षा में है। गुरुद्वारा साहिब जाने का शौक था। मन करने पर खुद गर्मागर्मा रोटियां बनाकर हमें खिलाते थे। शादी की सालगिरह पर मेरे लिए केक लाते थे। मिठाई में हलवा, सेवइयां और लड्डू खाने के शौकीन थे। परिवार का खयाल रखते थे। उनके जाने पर कमी महसूस होती है।
कार से घूमाने ले जाते थे सतनाम
नायब सूबेदार सतनाम सिंह की धर्मपत्नी जसविंदर कौर ने बताया कि घर में एक रूम के अंदर उनकी चीजों को यादें बनाकर साथ रखते हैं। उनके बैच, बैल्ट, ड्रेस, फोटो, मोटर साइकिल वगैरह सभी साथ रखते हैं। भीगी हुई पलकों से याद करते हुए जसविंदर ने कहा कि वे लाइफ में हरदम एडजस्ट करके चलते थे। कार चलाने का शौक था उन्हें तो पहले हमने सैकंड हैंड कार ली उससे घूमने जाया करते थे। बाद में नई कार लेने की खुशी अलग थी। बच्चे पिता की हर चीज को सहेज कर रखते हैं।
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