मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पीने के पानी को तरसे लोग

भीषण गर्मी के बावजूद अस्पताल के सभी वाटर कूलर खराब

   मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पीने के पानी को तरसे लोग

संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जहां रोजाना हजारों मरीज व उनके तीमारदार उपचार के लिए आ रहे हैं उस अस्पताल में भीषण गर्मी के बावजूद पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। अस्पताल में लगे सभी वाटर कूलर खराब पड़े हुए हैं।

कोटा। संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जहां रोजाना हजारों मरीज व उनके तीमारदार उपचार के लिए आ रहे हैं उस अस्पताल में भीषण गर्मी के बावजूद पीने का पानी उपलब्ध नहीं है।  अस्पताल में लगे सभी वाटर कूलर खराब पड़े हुए हैं।  एमबीएस अस्पताल के बाद नए कोटा क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है मेडिकल कॉलेज , जहां कोटा शहर ही नहीं दूर दराज से बड़ी संख्या में रोजाना मरीज और उनके तीमारदार उपचार के लिए आ रहे हैं । मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर तरह के उपचार की सुविधा होने से दूरदराज से लोग उपचार के लिए आते हैं । लेकिन उस अस्पताल की हालत यह है कि यहां गेट नंबर 4 पर प्रवेश करने से लेकर अस्पताल परिसर में करीब आधा दर्जन से अधिक बड़े-बड़े वाटर कूलर तो लगे हुए हैं लेकिन वह सभी दिखावे के काम आ रहे हैं । किसी भी वाटर कूलर में ना तो पानी है और ना ही वे चल रहे हैं। ।  जिससे अस्पताल में आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों को गर्मी के बावजूद पीने का ठंडा पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है ।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल काफी बड़ा है और यहां मरीज और उनके तीमारदारों को अलग-अलग उपचार के लिए अलग-अलग वार्ड और आउटडोर में जाना पड़ रहा है।  ऐसे में गर्मी के दौरान प्यास लगना स्वाभाविक है लेकिन जब भी मरीज और तीमारदार पानी पीने के लिए वाटर कूलर के नजदीक जाते हैं तो सभी खराब और बंद पड़े मिलते हैं।  जिससे उन्हें निराशा होने के साथ ही परेशान भी होना पड़ रहा है । अस्पताल परिसर में अस्पताल प्रशासन द्वारा व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा डोनेट किए गए वाटर कूलर भी लगे हुए हैं । हालत यह है कि संस्थाओं द्वारा डोनेट वाटर कूलर भी खराब पड़े हुए हैं।  पूरे अस्पताल परिसर में एक वाटर कूलर चालू मिला वह भी इस स्थिति में नहीं था कि उसका पानी पिया जा सके । वाटर कूलर के आसपास इतनी अधिक गंदगी कचरा जमा हुआ था जिससे वहां पानी पीने का मतलब स्वयं को बीमारी गले लगाना जैसा था।  अस्पताल आने वाले मरीजों का कहना था कि गर्मी में जहां स्वयंसेवी व सामाजिक संस्थाएं पीने के पानी की व्यवस्था के लिए जगह जगह पर कैंपर आती है, वाटर कूलर लगाते हैं ,वहीं अस्पताल जैसे जगह पर जहां पानी की अधिक आवश्यकता है वहीं पानी की सुविधा नहीं है।

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