बारिश के दौरान बिजली गिरने के हादसों में हो रही है बढ़ोतरी
आकाशीय बिजली गिरने के हादसे हुए है
बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने के हादसों में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश में पिछले तीन वर्ष में 300 से अधिक स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने के हादसे हुए है, जिसमें 237 लोग बचे ही नहीं और 85 घायल हुए।
जयपुर। बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने के हादसों में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश में पिछले तीन वर्ष में 300 से अधिक स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने के हादसे हुए है, जिसमें 237 लोग बचे ही नहीं और 85 घायल हुए। ऐसे हादसे प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल नहीं होने के कारण प्रभावितों को आपदा राहत की तरह मुआवजा पैकेज नहीं मिल सका। मृतकों के परिजनों को एसडीआरएफ फंड से ही चार-चार लाख एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक से दो लाख रुपए की सहायता दी गई।
आसमान में धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल उमड़ते-घुमड़ते हुए जब एक-दूसरे के पास आते है, तो टकराने (घर्षण) से उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरफ के बादलों के बीच हवा में विद्युत प्रवाह गतिमान हो जाता है। विद्युत धारा प्रभावित होने से रोशनी की तेज चमक होती है। मौसम एक्टपर्ट के अनुसार बादलों से गिरने वाली बिजली की ऊर्जा एक अरब वोल्ट तक हो सकती है। सामान्य रूप से इसका तापमान सूर्य की ऊपरी सतह से भी अधिक होता है। इसकी क्षमता 3000 किलोवॉट यानि 12.5 करोड़ वॉट से अधिक होती है।
विभाग की ओर से आकाशीय बिजली एवं आगजनी की घटनाओं में जन हानि या अन्य हानि होने पर राज्य आपदा मोचन निधि के नॉर्म्स के अनुसार ही सहायता दी जाती है। राज्य आपदा मोचन निधि से दी जाने वाली सहायता राशि का निर्धारण भारत सरकार ही तय करती है।
- गोविंद मेघवाल, आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री, राजस्थान
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