सरकार की मेट्रो को विज्ञापनों को लेकर राहत

शुल्क की वसूली नहीं कर सकेगा

सरकार की मेट्रो को विज्ञापनों को लेकर राहत

मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से मेट्रो स्टेशनों और मेट्रो ट्रेन पर होने वाले विज्ञापनों को लेकर राज्य सरकार ने राहत प्रदान की है अर्थात पांच साल तक विज्ञापन पेटे नगर निगम जेएमआरसी से कोई शुल्क की वसूली नहीं कर सकेगा।

जयपुर। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से मेट्रो स्टेशनों और मेट्रो ट्रेन पर होने वाले विज्ञापनों को लेकर राज्य सरकार ने राहत प्रदान की है अर्थात पांच साल तक विज्ञापन पेटे नगर निगम जेएमआरसी से कोई शुल्क की वसूली नहीं कर सकेगा। इस फैसले से जयपुर मेट्रो को राजस्व की बचत होगी, जो विज्ञापन उपविधि 2004 के प्रावधानों के अनुसार नगर निगम को लौटाना पड़ता। स्वायत्त शासन विभाग ने राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 337 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए जेएमआरसी की ओर से विज्ञापित समस्त प्रकार के विज्ञापनों को जयपुर नगर निगम (विज्ञापन उपविधियां 2004) के प्रावधानों के अंतर्गत लागू विज्ञापन कर को पांच साल के लिए मुक्त किया है। सरकार ने यह छूट जेएमआरसी को एक साल पीछे से दी है अर्थात दो दिन बाद समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष में भी जेएमआरसी को विज्ञापन पेटे निगम को कोई पैसा नहीं देना पडेÞगा।

कार्मिकों के नियमितिकरण की कमेटी से करानी होगी अनुशंसा
डीएलबी ने समस्त अधिशाषी अधिकारी व आयुक्त नगर निगम, परिषद व मण्डल नगर निगम को निर्देशित किया जाता हैं कि अनियमित रूप से नियुक्ति कार्मिकों के नियमितीकरण की कार्रवाई केवल उक्तानुसार गठित स्क्रीनिंग कमेटी के माध्यम से नहीं कराया जाना सुनिश्चित करें। अन्यथा सूरत में निकाय स्तर पर गठित बोर्ड के माध्यम से ही करा सकेंगे।

प्रार्थना पत्र और अपील शुल्क एक साथ नहीं लगेगा
नगरीय विकास विभाग ने राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट-2015 की धारा 24 की उपधारा तीन व 26 की उपधारा तीन सुसंगत नियम 2020 के नियम 9 व 10 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार सक्षम प्राधिकारी व अपील प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने वाले प्रार्थना पत्र व अपील के लिए देय फीस एक हजार रुपए अलग-अलग जमा हो सकेंगे। पहले यह राशि डीडी के तौर पर एक साथ ही जमा कर ली जाती थी।

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