नवरात्र और रमजान से पहले महंगाई ने बिगाड़ा मसाले और मेवे का जायका

मार्च के अंतिम पखवाड़े से सूखे मेवे व खाद्य तेलों में आया उछाल, 20 फीसदी तक की हो चुकी बढ़ोतरी

   नवरात्र और रमजान से पहले महंगाई ने बिगाड़ा मसाले और मेवे का जायका

त्योहारी सीजन से पहले खाद्य तेलों मसालों और सूखे मेवों की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि त्योहारों पर भारी पड़ रही हैं 2 अप्रैल से शुरू होने वाले नवरात्रा व तीन से शुरू हो रहे रमजान से पहले सूखे मेवे वह मसालों की कीमतों में वृद्धि से आम आदमी की कमर टूट गई हैं।

कोटा। त्योहारी सीजन से पहले खाद्य तेलों मसालों और सूखे मेवों की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि त्योहारों पर भारी पड़ रही हैं 2 अप्रैल से शुरू होने वाले नवरात्रा व तीन से शुरू हो रहे रमजान से पहले सूखे मेवे वह मसालों की कीमतों में वृद्धि से आम आदमी की कमर टूट गई हैं। लगातार पेट्रोल व डीजल के दामों में हो रही वृद्धि का सीधा असर घर की रसोई पर पड़ने लगा है। खाद्य तेल, देशी घी आदि की लगातार बढ़ रही कीमतों के बीच अब हर घर की रसोई में प्रयोग होने वाले मसालों के दाम में भी आग लग गई है। बीते एक पखवाड़े के दौरान मसालों के दाम 20 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। यही हाल सूखे मेवों का भी है। दो  दिनों बाद नवरात्र व रमजान का माह शुरू होने वाला है, लेकिन इससे पहले ही बादाम, काजू,अखरोट आदि के दाम में भी वृद्धि होनी शुरू हो गयी है।

मसालों के दाम में बीते एक से दो सप्ताह के दौरान 20 फीसदी तक की तेजी आ चुकी है। वहीं यूक्रेन व रूस से आने वाले पाम आॅयल के रेट भी एक महीने में 25 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। इसके अलावा पिछले एक वर्ष में रिफाइंड व वनस्पति घी के रेट जहां दोगुने के करीब पहुंच गए हैं, तो वहीं खुला देशी घी जो दिवाली के आसपास 500 रुपए  किलो बिक रहा था, उसका दाम बढ़कर 560-580 रुपए  हो गया है। बीते कुछ दिनों से मेवों के दाम भी बढ़ने शुरू हो गए हैं। नवरात्र और रमजान की वजह से सूखे मेवे की डिमांड भी बाजार में बढ़ गई है।

मसालों के दाम में भी लगी आग
शहर में मसालों का कारोबार करने वाले व्यापारियों के अनुसार पिछले एक पखवाड़े में मसालों के रेट में काफी बढ़ोतरी हुई है। फुटकर व्यापारी कालू लाल मेवाड़ा ने बताया कि जो लाल मिर्च दो सप्ताह पहले तक 180-200 रुपए किलो बेची जा रही थी, वहीं मिर्च 250-280 रुपए किलो तक बेची जा रही है। सबसे ज्यादा जीरा महंगा हुआ है।

जीरा में 50 रुपए किलो का आया उछाल
पिछले माह जीरा का मूल्य 220 रुपये किलो था। अब यह 250-300 रुपये किलो बेचा जा रहा है। इसी प्रकार काली मिर्च 550 रुपए किलो से 600-650 रुपये किलो तक पहुंच गई है। लौंग भी 900 रुपए किलो से बढ़कर 1000 रुपए किलो पहुंच गई है। हल्दी के रेट भी 10 रुपए बढ़े हैं। जो हल्दी पहले 90 रुपए किलो थी, आज वही हल्दी 100 रुपए किलो बिक रही है।

बेमौसम बारिश ने बिगाड़ा मसालों का जायका
 मेवा और मसाले के थोक कारोबारी अजय जैन ने कि पिछले साल नवंबर और दिसंबर में महाराष्टÑ में कई जगहों पर हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। किसान मसालों की फसल काटने की तैयारी कर ही रहे थे कि तभी बेमौसम बारिश ने कटी हुई मिर्च को बर्बाद कर दिया। किसानों के पास खराब फसल को फेंकने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं था। ऐसा ही अन्य मसालों के साथ भी हुआ। नतीजतन, मसालों की आपूर्ति कम हो गई है और बाजार में मसालों के भाव में तेजी आ गई।

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