भूसे की कीमत बढ़ी तो ठेकेदार चाह रहा ब्लैकलिस्ट होना

निगम अधिकारियों की सख्ती के बाद संवेदक ने डाला गौशाला में भूसा,सितम्बर तक है ठेके की अवधि

भूसे की कीमत बढ़ी तो ठेकेदार चाह रहा ब्लैकलिस्ट होना

नगर निगम की गौशाला में गौवंश के लिए भूसा व चारा सप्लाई करने वाला संवेदक भूसा व चारा देने की जगह खुद ही ब्लैकलिस्ट होना चाह रहा है। जिससे उसे आगे काम नहीं करना पड़े। लेकिन निगम अधिकािरयों ने सख्ती दिखाई तो बुधवार को संवेदक ने गौशाला में भूसा डलवाया।

कोटा ।  नगर निगम की गौशाला में गौवंश के लिए भूसा व चारा सप्लाई करने वाला संवेदक भूसा व चारा देने की जगह खुद ही ब्लैकलिस्ट होना चाह रहा है। जिससे उसे आगे काम नहीं करना पड़े। लेकिन निगम अधिकािरयों ने सख्ती दिखाई तो बुधवार को संवेदक ने गौशाला में भूसा डलवाया। नगर निगम कोटा दक्षिण द्वारा गौशाला में भूसा व चारा सप्लाई करने का टेंडर किया था। जिसका कार्यादेश 2 साल के लिए 24 सितम्बर 2020 को जारी किया गया था। अभी डेढ़ साल का समय ही हुआ है। करीब 6 माह का समय  बाकी है।  भूसे व चारे का वर्तमान ठेका सितम्बर 2022 तक है। लेकिन उससे पहले ही संवेदक भूसा सप्लाई करने की जगह स्वयं को ब्लेकलिस्ट करवाना चाह रहा है। इसका कारण भूसे व चारे की कीमत बढ़ना बताया जा रहा है।

करीब ढाई से तीन गुना बढ़ी कीमत
नगर निगम ने डेढ़ साल पहले संवेदक को भूसे व चारा सप्लाई का ठेका दिया था। उस समय भूसे की दर निगम द्वारा 4 रुपए 84 पैसे प्रति किलो और हरे चारे की दर 2 रुपए 35 पैसे प्रति किलो थी। जबकि बाजार में उस समय भूसा व चारा इससे कम कीमत में मिल रहा था। जब तक बाजार में सस्ता भूसा व चारा मिल रहा था तब तक तो संवेदक निगम को सप्लाई करता रहा। लेकिन जैसे ही बाजार में भूसा व हरे चारे की कीमत वर्तमान में करीब ढाई से तीन गुना अधिक हो गई है। ऐसे में संवेदक द्वारा गौशाला में पूरा व अच्छी क् क्वालिटी का भूसा व चारा ही नहीं दिया जा रहा है।
भूसे व चारे की किल्लत होने पर महापौर व अधिकारियों ने जब उसकी जांच की तो उसमें कमियां पाई गई। निर्धारित से कम सप्लाई होने व क्वालिटी भी खराब होने से निगम ने संवेदक के खिलाफ कार्रवाई की।  उसके बाद से संवेदक द्वारा गौशाला में समय पर व पूरा चारा व भूसा सप्लाई करने में आनाकानी की जाने लगी। साथ ही निगम अधिकािरयों पर उसे ब्लेकलिस्ट करने का दबाव बना रहा है। जिससे बीच में ही उसे छुटकारा मिल जाए।

मध्य प्रदेश व पंजाब से आ रहा था भूसा
पूर्व में संवेदक द्वारा मध्य प्रदेश व पंजाब से भूसा मंगवाया जा रहा था। लेकिन मध्य प्रदेश में भूसे की किल्लत होने पर वहां से सप्लाई पर रोक लगी तो संवेदक ने पंजाब से भूसा मंगवाना शुरू किया। लेकिन वहां से महंगा होने से उसने इसमें कमी करना शुरू कर दिया।
ठेके की शर्त के अनुसार संवेदक को गौशाला में करीब 15 दिन का भूसा व हरा चारे का स्टॉक रखना अनिवार्य है लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है। हालत यह है कि एक दिन का भूसा गौशाला में नहीं मिल पा रहा है। गौशाला में वर्तमान में 21 सौ गौवंश है। जिनके लिए करीब 7 किवंटल भूसा व 10 क्विंटल हरे चारे की रोजाना जरूरत है।

अधिकारियों ने की व्यवस्था तो घबराया संवेदक
नगर निगम कोटा दक्षिण के उपायुक्त अशोक त्यागी ने बताया कि एक दिन पहले गौशाला मेंÞ चारा नहीं होने की जानकारी मिली थी। इस पर वे मौके पर पहुंचे और जैसे-तैसे इधर-उधर से निजी लोगों से भूसा व चारा खरीदा। जिससे गौवंश को भूखा नहीं रहना पड़े। उसका भुगतान संवेदक की जमा राशि में से काटा जाएगा। जैसे ही संवेदक को इसका पता चला तो उसने 4-5 गाड़ियां भूसा डलवाया है। जिससे आगामी कई दिन तक की व्यवस्था हो गई है। त्यागी ने बताया कि अभी वर्तमान ठेके में 6 माह का समय है लेकिन उसका बजट पूरा हो गया है। जिससे वह भूसा नहीं दे पा रहा है।

नया व शॉर्ट टर्म ठेका किया जा रहा
उपायुक्त अशोक त्यागी ने बताया कि निगम द्वारा नया व 7 दिन का शॉर्ट टर्म ठेका किया जा रहा है। जिसे गुरुवार को जारी कर दिया जाएगा। उसके साथ ही एक नया ठेका भी किया जा रहा है।

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