जंगली व लावारिस जानवर उजाड़ रहे फसलें

सड़कों पर लावारिस मवेशी के जमावड़े से बना रहता है हादसों का डर, स्टेट हाइवे पर यातायात होता है प्रभावित

जंगली व लावारिस जानवर उजाड़ रहे फसलें

सुल्तानपुर क्षेत्र के किसानों को इन दिनों लावारिस और जंगली जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों में मचान बना कर दिन रात रखवाली करनी पड़ रही है।

सुल्तानपुर। सुल्तानपुर क्षेत्र के किसानों को इन दिनों लावारिस और जंगली जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों में मचान बना कर दिन रात रखवाली करनी पड़ रही है। वहीं सड़कों पर आवारा जानवरों के जमावड़े से एक तरफ जहां यातायात प्रभावित होता है वहीं दूसरी तरफ हर समय हादसों का डर बना रहता है।

जानकारी के अनुसार सुल्तानपुर क्षेत्र के खेतों में फसलों की कटाई जोर-शोर से चल रही है। फसलें कटकर खेतों में पड़ी हुई हैं। क्षेत्र के खेतों में इन दिनों चने, धान, लहसुन, गेहूं आदि की फसल कट कर ढेर लगे हुए हैं। इन फसलों की सुरक्षा के लिए किसानों को रात भर खेतों में रहना पड़ रहा है। किसानों को आवारा जानवर से कटी हुई फसलों को बचाने में मशक्कत करनी पड़ रही है। क्षेत्र में आवारा जानवरों की अधिकता को देखते हुए किसानों को खेतों में रहना पड़ रहा है और फसलों को बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। किसान इन दिनों दिन रात अपने खेतों में डटे हुए हैं। क्योंकि इन दिनों फसलों की कटाई का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। आवारा जानवर से बचाने के लिए रात्रि में भी खेतों पर ही मचान बनाकर जाते हैं और अपनी फसलों की रक्षा करते हैं। जानवरों से बचने के लिए साथ में डंडा व बैटरी लेकर रात भर खेतों की रखवाली में लगे रहते हैं। कई किसान आतिशबाजी का प्रयोग कर आवारा जानवरों को खेतों से दूर भगाने का कार्य करते हैं।

 इसी प्रकार कस्बे के बाजार और मुख्य सड़क सहित स्टेट हाइवे 70 पर आवारा जानवरों के जमावड़े से एक तरफ जहां यातायात प्रभावित होता है, वहीं दूसरी ओर आए दिन छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जिसमें कभी तो जानवरों को चोटिल होना पड़ता है। कभी बाइक सवारों को भी चोट लगती है। सड़कों पर जानवर बैठे रहने से जब बड़े वाहन सड़कों से गुजरते हैं तो जानवरों को भी आए दिन चोट लग जाती है। जिससे जानवरों के पैरों से खून निकलता रहता है। इसके लिए न तो कोई जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं और ना ही प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कस्बे सहित क्षेत्र में गोवंश की स्थिति दयनीय होती जा रही है। क्षेत्र की सड़कों पर बाजारों में सर्वाधिक स्थानों पर गोवंश का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे हादसों का अंदेशा बना रहता है। कई बार वाहनों की टक्कर से गोवंश की मृत्यु तक हो जाती है। अनेक बार गोवंश घायल हो जाते हैं।

गोवंश को नहीं मिल रहा अनुदान का लाभ
व्यापार महासंघ अध्यक्ष विष्णु गोस्वामी ने कहा कि गोवंश की इस दुर्दशा को सुधारने के लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। गोवंश पर दिया जाने वाला अनुदान जिसका लाभ गोवंश को पूर्णतया नहीं मिल पा रहा है। जिससे दिनोंदिन गोवंश की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। कई बार अवगत करा दिया गया है लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है।

आसपास के ग्रामीण छोड़ जाते हैं जानवर
आसपास के गांवों के किसान व अन्य लोग जानवरों को रात्रि के समय में कस्बे की सड़कों पर छोड़ जाते हैं। जिससे अधिक समस्याएं बन रही है। वर्तमान में गायों के लिए जो चारागाह की जमीनें हैं, उन पर अतिक्रमण हो गए हैं। जानवरों के चरने के लिए कोई जगह नहीं बची है। जिससे जानवरों को भी पेट भरने में समस्या आ रही है।

नगर पालिका ने पूर्व में कस्बे की गौशाला में करीब 200  आवारा गायों को भिजवा दिया है। जिसके चलते गौशाला में क्षमता से अधिक गए हो गई हैं। गौशाला में 500 गाय रखने की क्षमता है। जबकि वर्तमान में करीब 800 गाय गौशाला में हो गई हैं। गौशाला में रखरखाव की व्यवस्थाओं के साथ ही चारे की भी कमी होने की आशंका है।
-रमेश खंडेलवाल, महामंत्री, श्रीगोपाल गौशाला 

कस्बे के बाजार में जितनी भी गायें थीं, उन्हें गौशाला में भिजवा दिया गया था। लेकिन आसपास के गांव से रात्रि में लोग कस्बे में गायें छोड़ जाते हैं। जिससे समस्याएं अधिक बढ़ गई है। सड़कों से आवारा गायें हटाने के लिए शीघ्र ही कोई उपाय किया जाएगा।
-हेमलता शर्मा, चेयरमैन, नगर पालिका, सुल्तानपुर

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