कोरोना के बावजूद रिकॉर्ड तोड़ एक्सपोर्ट
व्यापार जगत पर आए असर को भी मात दी
राजस्थान ने एक्सपोर्ट के मामले में कोरोना के व्यापार जगत पर आए असर को भी मात दी है। महामारी के बावजूद बीते वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 52764.31 करोड़ का एक्सपोर्ट हुआ है।
जयपुर। राजस्थान ने एक्सपोर्ट के मामले में कोरोना के व्यापार जगत पर आए असर को भी मात दी है। महामारी के बावजूद बीते वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 52764.31 करोड़ का एक्सपोर्ट हुआ है। वित्त विभाग की माने तो यह कोरोना आने से पूर्व 1585 करोड़ और 11,988 करोड़ रुपए तक ज्यादा है। कोरोना काल के पहले साल 2019-20 के निर्यात में 1232 करोड़ की कमी आई थी, लेकिन बीते साल कोरोना की दो लहरों के बावजूद उद्यमियों ने एक्सपोर्ट के पंख लगाए हैं। ऐसे में आगामी सालों में निर्यात में राजस्थान की दुनिया में भागीदारी और बढ़ने की उम्मीद है।
ज्वैलरी और टैक्सटाइल की चमक रही फीकी
कोरोना की सबसे बड़ी मार ज्वैलरी- टैक्सटाइल व्यवसाय पर रही। प्रदेश की ज्वैलरी की चमक दुनियाभर में है। पिछले पांच साल में सबसे कम ज्वैलरी निर्यात हुई। महामारी से पूर्व 5737.55 करोड़ की ज्वैलरी निर्यात 2018-19 में हुई थी, लेकिन दो साल में यह लगातार घटा। बीते साल 1700 करोड़ कम यानी 4067.36 करोड़ की ही ज्वैलरी निर्यात हुई। यहीं हाल टैक्सटाइल निर्यात का रहा, पिछले साल के मुकाबले 436.79 करोड़ कम 5729.29 करोड़ ही गत वित्तीय वर्ष में बेचान हुआ।
योजनाएं जिनकी निर्यात में अहमियत
- निवेश प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत कर और एसजीएसटी का सात साल का पुनर्भरण प्रावधान। इससे 54,254. 84 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए।
- मिशन निर्यातक बनो योजना, 5433 उद्यमियों को इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कोड मिला।
- निर्यात को उद्यमियों को बाजार बताने और बिचौलियों को हटाने, निर्यात प्रक्रिया-दस्तावेजीकरण को जिला स्तर पर योजना चलाई।
- उद्यमियों के अटके पैसे दिलाने को सरकारी हस्तक्षेप हुआ। राज्यस्तर पर 4 और संभाग स्तर पर 7 एमएसएमई सुविधा परिषद बनी।
- नए उद्योग लगाने का जिम्मा जिले में कलक्टर और प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव स्तर पर विवाद एवं निवारण तंत्र से दिया।
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