कृषि भूमि का पट्टा नहीं बनने पर सैनिक का धरना
सैनिक जिला कलक्टर के ऑफिस के समक्ष धरने पर बैठ गया
सरकारी सिस्टम की खामियां बरकरार रहने से व सरकारी ऑफिस में पट्टे की फाइल चलने की धीमी रफ्तार से परेशान एक सैनिक जिला कलक्टर के ऑफिस के समक्ष धरने पर बैठ गया।
झुंझुनूं। सरकारी सिस्टम की खामियां बरकरार रहने से व सरकारी ऑफिस में पट्टे की फाइल चलने की धीमी रफ्तार से परेशान एक सैनिक जिला कलक्टर के ऑफिस के समक्ष धरने पर बैठ गया। सैनिक ने सीधे कहा कि पैसा दे दिया होता तो काम हो जाता, लेकिन कृषि भूमि का आवासीय पट्टा बनाने के लिए सरकारी सिस्टम ढाई साल से चक्कर कटा रहा है।
पट्टा बनवाने के लिए ढाई साल चक्कर काटे
ये दर्द है नवलगढ़ तहसील के मैणांस गांव निवासी सेना के जवान रामनाथ कुमावत का। रामनाथ अपने खेत की जमीन में 400 वर्ग मीटर का आवासीय पट्टा बनवाना चाहते हैं। इसके लिए 23 दिसम्बर 2019 को नवलगढ़ तहसील में आवेदन किया। नियमों के मुताबिक फाइल तैयार की और पेश कर दी। तहसील से आपत्ति साथ फाइल लौटा दी गई। आपत्ति दुरुस्त कर फिर फाइल भेजी गई। दोबारा नई आपत्ति के साथ फाइल लौटा दी गई। इस तरह उनकी फाइल में कई बार ऑब्जेक्शन दिखाया गया। पूछने पर जबाव मिलता दिशा निर्देश के लिए फाइल आगे भेजी है। ढाई साल से यही जवाब मिल रहा है।
दलाल से काम नहीं कराया, इसलिए अटका
रामनाथ का कहना है कि गलती ये हो गई कि दलाल के मार्फत काम नहीं किया, पैसे नहीं दिए। पैसा दिया होता तो काम तुरंत हो जाता। नियम से काम कर रहा हूं तो फाइल अटकाई जा रही है। कभी कागजों में रोड को चौड़ाई कम बताई जाती है तो कभी क्या आॅब्जेक्शन उठाकर फाइल अटका दी जाती है। शासन सचिव से पत्र दिला दिया, लेकिन वहीं ढाक के तीन पात। कलक्टर से भी मदद मांगी, ज्ञापन दिया, लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। अब हद हो गई है। फौजी ने चेतावनी दी कि या तो दो दिवस में उसे पट्टा बना कर दिया जाये अन्यथा वे राष्टÑपति से शिकायत करेंगे।
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