नए IT नियमों का पालना नहीं करना ट्विटर को पड़ा भारी, भारत में मिलने वाला लीगल प्रोटेक्शन खत्म

नए IT नियमों का पालना नहीं करना ट्विटर को पड़ा भारी, भारत में मिलने वाला लीगल प्रोटेक्शन खत्म

भारत सरकार के नए आईटी नियमों का पालन नहीं करना ट्विटर को भारी पड़ गया है। ट्विटर ने भारत में मिलने वाली कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया है। सरकार द्वारा 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों को ट्विटर ने अब तक लागू नहीं किया है, जिसके बाद उसके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। लीगल प्रोटेक्शन के बाद अब ट्विटर भी भारतीय कानूनों के दायरे में आ गया है और उसे किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

नई दिल्ली। भारत सरकार के नए आईटी नियमों का पालन नहीं करना ट्विटर को भारी पड़ गया है। ट्विटर ने भारत में मिलने वाली कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया है। सरकार द्वारा 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों को ट्विटर ने अब तक लागू नहीं किया है, जिसके बाद उसके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है। लीगल प्रोटेक्शन के बाद अब ट्विटर भी भारतीय कानूनों के दायरे में आ गया है और उसे किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, आईपीसी के तहत मामले दर्ज हो सकेंगे और पुलिस पूछताछ भी कर सकेगी। भारत में इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का दर्जा खो देने के कारण अब ट्विटर विभिन्न उपयोगकर्ताओं से सामग्री की होस्टिंग करने वाला केवल एक प्लेटफॉर्म माना जाने की बजाय अपने प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित पोस्ट के लिए सीधे संपादकीय रूप से जिम्मेदार होगा। इसका मतलब यह है कि अगर कथित गैरकानूनी सामग्री के लिए ट्विटर के खिलाफ कोई आरोप है तो इसे एक प्रकाशक के रूप में माना जाएगा, इंटरमीडरी नहीं और आईटी अधिनियम, साथ ही देश के दंड कानूनों सहित किसी भी कानून के तहत दंड के लिए उत्तरदायी होगा।

सरकार ने 25 फरवरी को नए आईटी नियमों की घोषणा की थी और इसे लागू करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया थाइसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में एक नोडल अधिकारी, शिकायत अधिकारी और अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति करने को कहा गया था। नियमों में साफ था कि ये तीनों अधिकारी भारतीय और कंपनी के अधिकारी होने चाहिए, लेकिन ट्विटर ने अब तक इन नियमों को लागू नहीं किया। सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि ट्विटर ने भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति कर दी है, लेकिन उसके नाम की घोषणा बाद में की जाएगी। लेकिन तब तक ट्विटर को किसी तरह की कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी और हर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए उसकी ही जिम्मेदारी होगी।

इससे पहले ट्विटर ने मंगलवार को बताया कि उसने इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की नई गाइडलाइन के मुताबिक अंतरिम मुख्य शिकायत अधिकारी अपॉइंट कर दिया है। इसकी डिटेल्स ट्विटर जल्द ही केंद्र सरकार के साथ साझा करेगा। ट्विटर ने ये कदम तब उठाया है, जब सरकार ने उसे गाइडलाइन का पालन करने का आखिरी मौका दिया था। सरकार ने अपने नोटिस में ट्विटर से कहा था कि अगर वो गाइडलाइन का पालन करने में नाकाम रहता है तो वह आईटी एक्ट के तहत जिम्मेदारी से मिलने वाली छूट को खो देगा।

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