शांति धारीवाल के खिलाफ लंबित प्रोटेस्ट पिटिशन पर करें फैसला : सुप्रीम कोर्ट
मीणा के खिलाफ लंबित प्रोटेस्ट पिटिशन पर फैसला करे
सुप्रीम कोर्ट ने शहर की एसीबी कोर्ट को कहा है कि वह एकल पट्टा प्रकरण से जुड़े मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और तत्कालीन उप सचिव आईएएस एनएल मीणा के खिलाफ लंबित प्रोटेस्ट पिटिशन पर दस दिन में फैसला करे।
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने शहर की एसीबी कोर्ट को कहा है कि वह एकल पट्टा प्रकरण से जुड़े मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और तत्कालीन उप सचिव आईएएस एनएल मीणा के खिलाफ लंबित प्रोटेस्ट पिटिशन पर दस दिन में फैसला करे। इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि मामले में हाईकोर्ट की ओर से की गई टिप्पणियों से प्रभावित हुए बिना निष्पक्ष तौर पर फैसला किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश परिवादी रामशरण सिंह की एसएलपी पर दिया है। सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मामले में राज्य सरकार की बहस हो चुकी है। लिखित बहस भी पेश कर दी गई है। परिवादी की ओर से सीनियर एडवोकेट सुल्तान सिंह ने कहा कि राज्य सरकार मामले को लंबा खींचना चाहती है।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में मामले के तथ्यों को छिपाया था। एसीबी कोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य पक्षकारों की विस्तृत बहस सुनकर फैसला देना तय किया था, लेकिन राज्य सरकार ने एसीबी कोर्ट के आदेश से पहले ही एक नए विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति कर दी। राज्य सरकार ने एसीबी कोर्ट की उस कार्रवाई का ब्यौरा हाईकोर्ट को नहीं दिया, जिसमें राज्य सरकार व एसीबी के अधिवक्ता की बहस पूरी होने पर फैसला देना तय किया था।
हाईकोर्ट ने परिवादी को सुनवाई का मौका दिए बिना ही राज्य सरकार की दलीलों पर एक तरफा फैसला दिया, जो गलत है। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर एसीबी कोर्ट को प्रोटेस्ट पिटिशन पर दस दिन में फैसला देने को कहा है। गौरतलब है कि परिवादी ने एकल पट्टा मामले में राज्य सरकार के शांति धारीवाल व एनएल मीणा के पक्ष में 2019 में क्लोजर रिपोर्ट देने को एसीबी कोर्ट में चुनौती देते हुए धारीवाल व मीणा के खिलाफ प्रसंज्ञान लेने का आग्रह अदालत से किया है।
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